प्रयागराज: आठ मार्च को मनेगी महाशिवरात्रि, इस बार है शिव योग, विधि विधान से होगी पूजा

प्रयागराज: आठ मार्च को मनेगी महाशिवरात्रि, इस बार है शिव योग, विधि विधान से होगी पूजा
Last Updated: 14 मार्च 2024

देवाधिदेव महादेव भगवान शिव-मां पार्वती की आराधना (स्तुति) का पर्व महाशिवरात्रि आठ मार्च को मनाई जाएगी। स्नान पर्व के साथ प्रागराज मेले का समापन हो जाएगा। महाशिवरात्रि पर शिव योग पड़ने से इस पर्व का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ गया है. ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद स्वामी ने बताया कि महाशिवरात्रि सात मार्च की रात 9:51 बजे से आठ मार्च की शाम 7:41 बजे तक रहेगी।

Subkuz.com के अनुसार आचार्य देवेंद्र प्रसाद स्वामी ने बताया कि महाशिवरात्रि शुभ श्रवण नक्षत्र सुबह 8.04 बजे तक ही रहेगा। इसके बाद घनिष्ठा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। आचार्य ने बताया कि मीन राशि में बुध, राहु   कुंभ राशि में शुक्र और शनि संचरण करेंगे। महाशिवरात्रि की साधना से शरीर, मन और अहंकार को विश्राम मिलता है जिससे भक्त को परम ज्ञान की प्राप्ति होती हैं।

महाशिवरात्रि मनाने का महत्त्व

जानकारी के अनुसार पाराश ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याधर कांत पांडेय ने बताया कि महाशिवरात्रि की पूजा के दौरान व्यक्ति का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए। शिव को पूजा के दौरान कुंद, केतकी और कैंथ के पुष्प अर्पित किए जाते है. श्रीधरनंद श्रीकामेश्वर महादेव मंदिर के आचार्य  श्रीधरानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि महाशिवरात्रि का पर्व आध्यात्मिक महत्व को समझने का सुनहरा अवसर हैं।

बताया कि शिवलिंग भगवान शिव के ज्योति स्वरूप को बताता है. कहां जाता है कि भगवान शिव का कोई व्यक्तिगत स्वरूप नहीं है. शिव एक सूक्ष्म, पवित्र और स्वदीप्तिमान दिव्य ज्योति पुंज के समान है. जिसे अंडाकार रूप में दर्शाया गया है. इसलिए उनकी ज्योर्तिलिंग अर्थात 'ज्योति का प्रकार' के रूप में पूजा की जाती हैं।

शिव और आत्मा में समानता

जानकारी के मुताबिक विश्व पुरोहित परिषद के अध्यक्ष डा. बिपिन कुमार पांडेय के कहां कि महाशिवरात्रि शिव आराधना में लीन होने का उत्सव है. शिव यानी वह सिद्धांत या सत्य जो हमारी आत्मा को संचालित (प्रतिनिधित्व) करता है. शिव सत्य, कल्याणकारी और सबसे सुंदर पवित्र आत्मा है. इसलिए उन्हें सत्यम-शिवम्-सुंदरम कहा जाता है। भगवान शिव हर कण-कण में व्याप्त है. हमारी आत्मा और शिव में कोई भी फर्क (अंतर) नहीं है. महाशिवरात्रि के पर्व पर मनकामेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं को शिव के विभिन्न स्वरूपों को आत्म स्वरूप दर्शन कराया जाएगा।

क्या है महाशिवरात्रि का अर्थ?

कहां जाता है कि महाशिवरात्रि का पर्व साधना, शरीर और मन को विश्राम देने तथा अहंकार दूर करने का त्यौहार है. शिव की भक्ति से परम ज्ञान की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि का मतलब (अर्थ) है- शिव की भक्ति में रात या विश्राम करने का समय है. महाशिवरात्रि के समय हमारा मन चेतना को आर्म (विश्राम) देता है. महाशिवरात्रि का पर्व अंतरात्मा और चेतना को जागृत करता हैं। 

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