असम में आयोजित दो दिवसीय ‘Advantage Assam 2.0’ बिजनेस समिट का पहला दिन बेहद सफल रहा, जहां 1.89 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के साथ 114 समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
गुवाहाटी: असम में आयोजित दो दिवसीय ‘Advantage Assam 2.0’ बिजनेस समिट का पहला दिन बेहद सफल रहा, जहां 1.89 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के साथ 114 समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए देश-विदेश की शीर्ष कंपनियों ने निवेश की प्रतिबद्धता जताई हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मौके पर कहा कि असम अगले कुछ वर्षों में भारत का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2030 तक असम की अर्थव्यवस्था 143 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी, जबकि राज्य की जीडीपी इस साल 15.2% की दर से बढ़ेगी।
बड़ी कंपनियों का असम में निवेश पर भरोसा
इस समिट में टाटा पावर ने राज्य में 30,000 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया, जबकि ऑयल इंडिया लिमिटेड ने 23,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में निवेश का वादा किया। इसके अलावा, जेएसडब्ल्यू ग्रुप (7,000 करोड़), ग्रीनको एनर्जीज (5,850 करोड़), अडाणी टोटल गैस लिमिटेड (5,000 करोड़), और एस्सार ग्रुप (2,100 करोड़) ने भी राज्य में निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई हैं।
नुमालीगढ़ रिफाइनरी ने 10,711 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव की घोषणा की है, जिससे असम के ऊर्जा और पेट्रोलियम क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। वहीं, पीएनबी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज ने 3,000 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया हैं।
समिट में न केवल भारतीय कंपनियों ने बल्कि वैश्विक स्तर पर भी कई संस्थानों ने असम में निवेश की संभावनाएं तलाशने में रुचि दिखाई है। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, डीपी वर्ल्ड, वेलस्पन और अन्य वैश्विक संस्थानों ने राज्य में अपने सहयोग की प्रतिबद्धता जताई हैं।
असम के औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार
‘Advantage Assam 2.0’ समिट से पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े राज्य को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। ऊर्जा, गैस, रिफाइनरी, इंफ्रास्ट्रक्चर और वित्तीय सेवाओं जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारी निवेश से असम में रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "असम अब केवल चाय और पेट्रोलियम के लिए नहीं जाना जाएगा, बल्कि यह औद्योगिक विकास और निवेश का नया केंद्र बनेगा।" राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाओं और नीतिगत सुधारों के चलते असम अब निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन चुका हैं।