आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी कठिनाइयों और संघर्षों को याद करते हुए हनुमान जी की कृपा से जीवन में आए बदलाव को साझा किया, और मेरठवासियों से भक्ति में समर्पण का आह्वान किया।
Bageshwar Dham Baba: आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कथा के चौथे दिन अपने संघर्षपूर्ण जीवन के दिनों को याद करते हुए भावुकता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि कैसे वह 18 साल पहले भिक्षाटन करते हुए घर-घर जाते थे और किस तरह आठ साल तक भिक्षा मांगकर कठिन परिस्थितियों में जीवन बिता रहे थे।
भिक्षाटन से लेकर हनुमान जी की कृपा तक का सफर
आचार्य शास्त्री ने खुलासा किया कि दीपावली के दिन भोजन का संकट होता था और घर की छत से पानी टपकता था। उन्होंने अपनी बहन की शादी के लिए 20 हजार रुपये उधार लिए थे और एक एकड़ कृषि भूमि गिरवी रखनी पड़ी थी। इस कठिन समय के दौरान, आचार्य शास्त्री भावुक हो गए और अपने आंसू पोछते हुए बताया कि वह दिन आज भी उन्हें नहीं भूलते। उन्होंने यह भी कहा कि आज लाखों लोग उनके प्रवचन सुनने आते हैं, जो कभी उनकी बात सुनने के लिए सरपंच के पास घंटों बैठते थे।
हनुमान जी की कृपा से बदला जीवन
आचार्य शास्त्री ने कहा कि यह सब हनुमान जी की कृपा और प्रताप का परिणाम है। उन्होंने मेरठवासियों से आग्रह किया कि वे भी हनुमान जी की शरण में जाएं और अपना जीवन सफल बनाएं। उन्होंने उदाहरण के रूप में सचिन तेंदुलकर, अब्राहम लिंकन, और बराक ओबामा का उल्लेख किया, जिनकी सादगी और संघर्ष ने उन्हें दुनिया भर में प्रसिद्ध किया।
समाजसेवा और सामूहिक विवाह आयोजन
आचार्य शास्त्री ने बताया कि उन्होंने अपनी बहन के विवाह में जो कष्ट झेले, वह अब किसी और को न हो, इसलिए वह हर साल बागेश्वर धाम में निर्धन लड़कियों के सामूहिक विवाह का आयोजन कराते हैं।
कथा के अंत में, आचार्य शास्त्री ने माता-पिता से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। उन्होंने कहा कि बच्चों को सिखाना जरूरी है ताकि वे एक आदर्श नागरिक बनें।