बहराइच हिंसा मामले में प्रशासन ने निरंतर कार्रवाई की प्रक्रिया को जारी रखा है। जिला प्रशासन ने प्रमुख आरोपी अब्दुल हमीद का शस्त्र लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। जिलाधिकारी ने इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट को आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। यह उल्लेखनीय है कि इस हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी सहित अब तक चार व्यक्तियों को जेल भेजा जा चुका है।
Bahraich: महाराजगंज हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है। अब प्रशासन ने हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के पास मौजूद बंदूक के लाइसेंस को निरस्त करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इस संदर्भ में थाने और तहसील से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हरदी थाना क्षेत्र में 13 सितंबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान महराजगंज में हिंसा हुई थी।
लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू
इस हिंसा में रामगांव थाना क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव के निवासी रामगोपाल की मृत्यु हो गई। शनिवार को रामगोपाल की तेरहवीं कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुई। उनकी मौत लाइसेंसी बंदूक से गोली लगने के कारण हुई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित छह नामजद और कई अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हरदी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुख्य आरोपी समेत चार अन्य लोगों को जेल भेज दिया गया है। आरोपियों को जेल भेजने के बाद जिला प्रशासन ने अब लाइसेंसी बंदूक के लाइसेंस को रद करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
कब जारी हुआ था लाइसेंस
जिस लाइसेंसी बंदूक से रामगोपाल की गोली मारकर हत्या की गई, उसका लाइसेंस वर्ष 1995 में जारी किया गया था। लाइसेंस जारी होने के बाद से इसका नवीनीकरण तहसील से होता रहा। अब जब थाने और तहसील से रिपोर्ट आएगी, तो इसे रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
तोड़फोड़ का वीडियो हुआ वायरल
महराजगंज में हुई हिंसा के दौरान की तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएँ लोगों के मन से अभी तक पूरी तरह नहीं हटी हैं। आए दिन इससे संबंधित वीडियो के वायरल होने से चिंता बढ़ रही है कि कहीं फिर से शांति भंग न हो जाए। शनिवार को एक वीडियो सामने आया, जिसमें उपद्रवियों को एक कार को तोड़ते हुए देखा जा सकता है। वे कार को जलाने का भी प्रयास कर रहे थे, लेकिन इस मामले में उन्हें सफलता नहीं मिली।
महराजगंज की घटना को लेकर पुलिस और प्रशासन अब भी चौकस हैं, लेकिन बार-बार वायरल हो रहे इस तरह के वीडियो से स्थिति और बिगड़ने की आशंका बनी हुई है। वायरल वीडियो 14 अक्टूबर का है, जब लोग मृतक रामगोपाल मिश्र के शव को गांव से तहसील के लिए ले जा रहे थे। इसी दौरान भीड़ ने एक घर के सामने खड़ी कार पर जमकर तोड़फोड़ की और उसके बाद उसमें आग लगाने का प्रयास किया। थानाध्यक्ष कमल शंकर चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है। घटना के 13 दिन बाद यह वीडियो किस उद्देश्य से और कौन वायरल कर रहा है, इसकी पुलिस जांच कर रही है।