21 अगस्त यानी कल भारत पूर्णतः बंद रहेगा। दरअसल एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ देशभर के विभिन्न दलित संगठनों ने 21 अगस्त को सड़कों पर उतरने का फैसला लिया है। इस बंद को कौन-कौन सी राजनीतिक पार्टियां समर्थन दे रही हैं, और क्या-क्या सेवाएं खुली रहेंगी और क्या-क्या बंद रहेंगा? जानिए पूरी जानकारी...
नई दिल्ली: अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ देशभर के विभिन्न संगठनों ने 21 अगस्त को 'भारत बंद' का आह्वान किया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समेत कई राजनीतिक दल इस बंद का समर्थन कर रहे हैं। इस संदर्भ में यह सवाल उठता है कि भारत बंद क्यों बुलाया गया है? सुप्रीम कोर्ट का वह कौन-सा फैसला है, जिस पर दलित संगठनों का विरोध है? दलित संगठनों की मुख्य मांगें क्या हैं? संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में लेटरल एंट्री क्यों सवालों के घेरे में है? भारत बंद के दौरान कौन-से प्रतिष्ठान खुले रहेंगे और कौन-से बंद रहेंगे? आइए जानते है इन सभी सवालों के जवाब...
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर के संबंध में निर्णय सुनाते हुए कहा कि, ''सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां समान वर्ग में नहीं आती हैं। कुछ जातियां अन्य की तुलना में अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए सीवर सफाई करने वाले और बुनकर। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इन जातियों के लोग अन्य जातियों की तुलना में अधिक पिछड़े होते हैं। इन जातियों के विकास के लिए राज्य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती हैं। ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद-341 का उल्लंघन नहीं हैं।''
सुप्रीम कोर्ट ने कोटे में कोटा निर्धारित करने के फैसला सुनते हुए सभी राज्यों को जरूरी हिदायत भी दी। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें अपनी मर्जी से यह फैसला नहीं कर सकतीं। इसमें भी दो शर्त लागू की गई हैं।
1. एससी के भीतर किसी भी एक जाति को 100% कोटा नहीं दिया जाएगा।
2. एससी में शामिल सभी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी को लेकर पुख्ता डेटा राज्य सरकार के पास होना चाहिए।
ये पार्टियां कर रही भारत बंद का समर्थन
देशभर के दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया है। इस आंदोलन को बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद तथा भारत आदिवासी पार्टी के मोहन लात रोत का भी समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा कांग्रेस समेत कुछ अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी इस समर्थन में खड़े हैं। भारत बंद का आह्वान करने वाले दलित संगठनों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट कोटे में कोटा संबंधी निर्णय को वापस ले या उस पर पुनर्विचार करे।
भारत बंद के दौरान ये सेवाएं रहेगी ठप और ये रहेगी जारी
भारत बंद के संदर्भ में किसी भी राज्य सरकार ने अभी तक आधिकारिक दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। पुलिस और प्रशासन को सतर्क रखा गया है और अधिकारियों द्वारा विरोध प्रदर्शनों के दौरान जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। भारत बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं और कुछ स्थानों पर निजी कार्यालय भी बंद किए जा सकते हैं।
21 अगस्त को होने वाले भारत बंद के दौरान अस्पताल और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। हालांकि बैंक कार्यालयों और सरकारी कार्यालयों को बंद रखने के संबंध में अभी तक सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं आया है। इसलिए यह माना जा रहा है कि बुधवार को बैंक और सरकारी कार्यालय सामान्य रूप से खुलेंगे।