भारत (India) की वायुसेना के पास पाकिस्तान से अधिक फाइटर जेट हैं। भारत के पास ऐसे कई शक्तिशाली हथियार हैं, जो उसे पाकिस्तान से अधिक मजबूत बनाते हैं। लेकिन अब पाकिस्तानी वायुसेना (Airforce) भारत से अधिक शक्तिशाली बनने की योजना बनाई है। इसके लिए, वह चीन से पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की खरीदारी करने जा रही है।
New Delhi: पाकिस्तान की वायुसेना भारत के समक्ष टिक नहीं पाती। लेकिन अब पाकिस्तान भारत से आगे निकलने की योजना बना रहा है। पाकिस्तानी एयरफोर्स के रिटायर्ड एयर कमोडोर जिया उल हक शम्सी ने हाल ही में इस विषय पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट के अधिग्रहण से अगले 12-15 वर्षों में भारत पर महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की जा सकेगी। शम्सी का मानना है कि इस दौरान भारत की ओर से समान क्षमता हासिल करने की संभावना नहीं है, जिससे पाकिस्तान को क्षेत्र में रणनीतिक लाभ मिल सकता है।
पाकिस्तानी एयरफोर्स ने की घोषणा
इस वर्ष की शुरुआत में, पाकिस्तानी एयरफोर्स के प्रमुख ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान चीन निर्मित एफ-31 स्टील्थ फाइटर जेट को प्राप्त करेगा, जिसे जे-31 के नाम से भी जाना जाता है। यह एक पांचवीं पीढ़ी का मल्टीरोल स्टील्थ लड़ाकू विमान है, जिसे एफ-35 और अन्य उन्नत विमानों के साथ युद्ध करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अधिग्रहण पाकिस्तानी एयरफोर्स (Pakistan Air Force) के लिए एक महत्वपूर्ण अपग्रेड होगा, जो उसके बेड़े को आधुनिक बनाएगा और हवाई युद्ध की क्षमताओं को बढ़ाएगा।
पाकिस्तानी पायलट चीन में ले रहे प्रशिक्षण
मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी मीडिया की कई रिपोर्टों में यह कहा गया है कि पाकिस्तानी पायलट एफसी-31 जेट को उड़ाने के लिए चीन में प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान इन फाइटर (Fighter) जेट्स को खरीदने के लिए गंभीरता से विचार कर रहा है।
हालांकि, कितने जेट खरीदे जाएंगे, इसकी सटीक संख्या अभी तक ज्ञात नहीं हुई है। एफसी-31 अभी तक चीन की एयरफोर्स में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन यह चीन की नेवी में पहले से मौजूद है। पाकिस्तानी एयरफोर्स में एफसी-31 क्षेत्र में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती है, जो भारत के लिए चिंता का विषय बनेगा।
भविष्य में दोनों देशों के बीच हो सकता है अंतर
एफसी-31 की रडार में नहीं दिखाई देने की क्षमता और उसकी हथियार प्रणालियाँ भारतीय वायुसेना के लिए गंभीर चुनौती बन सकती हैं। भारत के पास चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का एक बेड़ा है, और इसे राफेल और तेजस जेट के माध्यम से अपग्रेड किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना एफसी-31 का सामना करने के लिए पांचवीं पीढ़ी का विमान खरीदने की योजना नहीं बना रही है।
इसके बजाय, भारत अपने स्वयं के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। AMCA की योजना में प्रगति देखने को मिली है, लेकिन इसकी परिचालन तैनाती में अभी भी कई साल लगेंगे, जिससे भविष्य में दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर उत्पन्न होगा।