बीईएमएल ने बताया कि यह प्रोजेक्ट भारत की हाई-स्पीड रेल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसमें 280 किलोमीटर प्रति घंटे की टेस्टिंग स्पीड वाली पहली स्वदेशी रूप से डिज़ाइन की गई "मेड इन इंडिया" ट्रेन सेट शामिल हैं। यह परियोजना देश की रेल यात्रा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान करेगी।
भारत की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलाई जाएगी, और देश के पहले हाई-स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट का काम तेजी से प्रगति पर है। हाल ही में एक नया विकास हुआ है, जिसमें इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF) ने बीईएमएल को बुलेट ट्रेन बनाने का ठेका दिया है। बीईएमएल, जो एक सरकारी कंपनी है और जिसका मुख्यालय बेंगलुरू में है, को 8 डिब्बों वाले 2 हाई स्पीड ट्रेन सेट बनाने के लिए 866.87 करोड़ रुपये का अनुबंध मिला है। यह परियोजना देश की रेल यात्रा को नई गति प्रदान करेगी।
बीईएमएल ने प्रेस रिलीज में दी जानकारी
बीईएमएल ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि ठेके के तहत, BEML न केवल बुलेट ट्रेन की मैन्यूफैक्चरिंग करेगी, बल्कि इसका डिजाइन और कमीशनिंग का कार्य भी करेगी। बीईएमएल लिमिटेड ने मंगलवार, 15 अक्टूबर को जारी एक बयान में कहा, "आईसीएफ ने बीईएमएल को दो हाई-स्पीड ट्रेन सेट के डिजाइन, निर्माण और कमीशनिंग के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है, जिसमें प्रत्येक ट्रेन में 8 डिब्बे होंगे।"
बुलेट ट्रेन के प्रत्येक डिब्बे की कीमत 27.86 करोड़ रुपये
बीईएमएल ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी है कि "बुलेट ट्रेन के प्रत्येक डिब्बे की कीमत 27.86 करोड़ रुपये है और इस कॉन्ट्रैक्ट की कुल राशि 866.87 करोड़ रुपये है। इसमें डिजाइन लागत, एकमुश्त विकास लागत, गैर-आवर्ती शुल्क, और जिग्स, फिक्स्चर, टूलींग और परीक्षण सुविधाओं के लिए एकमुश्त लागत शामिल है, जिन्हें भारत में भविष्य की सभी उच्च गति ट्रेन परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाएगा।"
280 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से होगी परीक्षण
बीईएमएल ने कहा कि यह प्रोजेक्ट भारत की हाई-स्पीड रेल के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिसमें 280 किलोमीटर प्रति घंटे की परीक्षण गति के साथ पहली स्वदेशी रूप से डिज़ाइन की गई "मेड इन इंडिया" ट्रेन सेट शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, आईसीएफ ने 5 सितंबर को 2 चेयर-कार हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए टेंडर जारी किया था। इन स्टेनलेस स्टील कारबॉडी वाली ट्रेनों की अधिकतम गति 280 किलोमीटर प्रति घंटा और संचालनात्मक गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।