Bhopal News: नदियों और जलाशयों का पानी सूखा, लगातार गिर रहा भूजल स्तर, सुनाई देने लगी जलसंकट की आहट

Bhopal News: नदियों और जलाशयों का पानी सूखा, लगातार गिर रहा भूजल स्तर, सुनाई देने लगी जलसंकट की आहट
Last Updated: 16 मई 2024

नदियों, जलाशयों और वनों के मामले में अपेक्षाकृत मध्य प्रदेश और भोपाल को सबसे ज्यादा समृद्ध मन जाता है. यहां जल के मामले में हम अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकते है, लेकिन यहां भी तेजी से जलस्रोत सिकुड़ रहे है और भूजल स्तर भी लगातार गिर रहा हैं।

भोपाल: देश में लगातार गिर रहे जल स्टार को देखकर विशेषज्ञों ने वर्ष 2050 तक भारत के 55 शहरों में पानी के लिए शून्य दिवस आने की संभावना जताई है। नदियों, जलाशयों और वनों के मामले में अपेक्षाकृत समृद्ध मध्य प्रदेश और भोपाल के लोग खुद को जल के मामले में सुरक्षित मानते है, लेकिन यहां भी तेजी से जलस्रोत सिकुड़ रहे और भूजल स्तर भी लगातार नीचे गिर रहा हैं।

सुनाई देने लगी जलसंकट की आहट

मौसम में रहे बदलाव और देश में गिर रहे जल स्तर  के कारण प्रदेश के कई जिलों में जलसंकट की आहट अभी से सुनाई देने लगी है। सरकार, प्रशासन और समाज के लिए यह खतरे की घंटी अभी से बजने लगी है, इस समस्या को दूर करने के लिए प्रशासन और जनता को समयबद्ध ढंग से कार्य करने की जरूरत है। जल संकट की इस आहट को सुनने के बाद और आने वाले समय में जल संकट से बचने के लिए लोगों को जनजागरूक और सरकार-प्रशासन को  सुस्ती तोड़ने की आवश्यकता है. प्रशासन को जल अभियान शुरू करने चाहिए। नदियां को जीवनदायिनी मानकर उनके जल स्तर को बढ़ाने के अथक प्रयास करने चाहिए।

पानी का सही उपयोग करना जरुरी

Subkuz.com ने बताया कि हमारा सुरक्षित भविष्य उस व्यक्ति के हाथ में है जो इस बात जान ले कि "संस्कृति और जल दोनों साथ-साथ चलते हैं" अंचल में आने वाले जल खतरे का अंदाजा नर्मदापुरम और हरदा के हांडिया में मंडीदीप, विदिशा, बेतवाऔर सीहोर में नदियों की सिकुड़ती धारा से लगाया जा सकता है। विदिशा, अशोनगर और सागर में बंद पड़े हजारों हैंडपंप इस बात का सबूत हैं। इस संकट से बचने और इसे टालने के लिए जल के स्रोतों में जल का स्तर बढ़ाने की कोशिश करना और पानी का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना तथा पानी को व्यर्थ बहने से रोकना अति आवश्यक हैं।

Leave a comment