भीषण गर्मी के मद्देनजर बिहार के गांव-देहात में नल-जल योजना के तहत दोपहर में अब 2 घंटे तक पेयजल की आपूर्ति होगी। बता दें कि इसका निर्णय लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) द्वारा लिया गया है।
Bihar News: बिहार में भीषण गर्मी के मद्देनजर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने ग्रामीणों के लिए पेयजल की सुविधा की है। इस दौरान गांव-देहात में दोपहर में अब 2 घंटे तक पेयजल की आपूर्ति होगी। विभाग ने राज्य सरकार की हर घर नल का जल योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक दोपहर में एक घंटे जलापूर्ति की व्यवस्था थी। लेकिन अब सरकार की इस योजना के तहत 2 घंटे तक पानी की पूर्ति कराई जाएगी। बताया जा रहा है कि यह योजना सरकार की सात निश्चय में सम्मिलित पेयजल की महत्वाकांक्षी योजना है।
अतिरिक्त पेयजल की आपूर्ति
मिली जानकारी के अनुसार, इन क्षेत्रों में हर घर नल जल योजना के तहत अभी तक दोपहर में 1 घंटे जलापूर्ति की व्यवस्था थी। इसके अलावा सुबह 3 घंटे, दोपहर में 1 घंटा और शाम को 2 घंटे तक पाइप-लाइन से पेयजल की आपूर्ति होती है। लेकिन अब इस योजना के तहत भीषण गर्मी के मद्देनजर दोपहर को एक घंटे अतिरिक्त पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। सरकार के इस फैसले से बिहार के ग्रामीणों को राहत मिलेगी।
भीषण गर्मी में चापाकल लगवाए
पीएचईडी अधिकारीयों ने बताया कि कुछ ग्रामीण क्षेत्रों व टोलों में रहने वाले लोगों आज भी चापाकल पर ही निर्भर है। ऐसे में पेयजल की आपूर्ति के लिए खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत हो रही और बंद चापाकलों के स्थान पर नए चापाकल लगाए जा रहे हैं। इसके लिए सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2595 चापाकल लगाए जाने चाहिए।
बता दें कि अभी तक इन ग्रामीण क्षेत्रों में योजना के तहत 384 चापाकल लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा 55015 बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत कर चालू कराया गया है। वहीं लोक स्वास्थ्य प्रमंडलों में कुल 497 वाटर टैंकर हैं। जरूरत के अनुसार 9 जिलों में 83 टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति कराई जा रही है। इसके अतिरिक्त क्षेत्रों में 15 अदद वाटर एटीएम भी जलापूर्ति के लिए उपलब्ध हैं।
शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर
अभियंता विभाग के प्रमुख अधिकारी मो. जावेद ने बताया कि केंद्रीय शिकायत निवारण कोषांग के टाल फ्री नंबर (18001231121) पर सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक ग्रामीण पेयजल योजनाओं से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उसी के तहत क्षेत्रीय पदाधिकारियों द्वारा उनकी शिकायत का त्वरित निराकरण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रत्येक जिले में भी कंट्रोल कक्ष कार्यरत हैं। वहां जिला स्तर पर प्राप्त सभी शिकायतों का निराकरण किया जाता है।