चिराग पासवान के राजनैतिक बयान से मची खलबली, अपने पिता की दी मिसाल, कहा - 'सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकता'

चिराग पासवान के राजनैतिक बयान से मची खलबली, अपने पिता की दी मिसाल, कहा - 'सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकता'
Last Updated: 02 अक्टूबर 2024

लोजपा रामविलास पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने पार्टी के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के एक कार्यक्रम में यह स्पष्ट किया कि वह सिद्धांतों से समझौता करने की बजाय मंत्री पद को छोड़ना पसंद करेंगे।

पटना: पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री चिराग पासवान ने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बयान दिया हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने पिता रामविलास पासवान के आदर्शों को ध्यान में रखते हुए अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे। चिराग ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर स्थिति ऐसी बनी, तो वह मंत्री पद छोड़ने को प्राथमिकता देंगे। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक चर्चाएं बढ़ गई हैं। आइए जानते हैं कि चिराग ने और क्या कहा हैं।

NDA का हिस्सा रहेंगे, मोदी जब तक- चिराग



लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने सोमवार को एक कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जब तक नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, तब तक उनकी पार्टी एनडीए में बनी रहेगी। जब उनसे पूछा गया कि "मैं अपने पिता की तरह मंत्री पद छोड़ने में संकोच नहीं करूंगा" वाले बयान का क्या मतलब है, तो चिराग ने कहा कि वह कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के संदर्भ में बात कर रहे थे।

बाबा साहब की तस्वीरें नहीं थीं, इसलिए लिया अलग रास्ता- चिराग

चिराग पासवान ने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा, "मेरे पिता भी UPA सरकार में मंत्री थे, और उस समय कई ऐसी घटनाएं हुईं जो दलितों के हित में नहीं थीं। यहाँ तक कि बाबा साहब आंबेडकर की तस्वीरें भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं लगाई जाती थीं। इसीलिए हमने अपने रास्ते अलग कर लिए।" इस अवसर पर चिराग ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार दलितों की चिंताओं के प्रति संवेदनशील हैं।

चिराग - मैं मोदी का हनुमान



चिराग पासवान भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता और हाजीपुर लोकसभा सीट के सांसद हैं। उन्हें मोदी सरकार की कैबिनेट में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री का पद दिया गया हैं लोकसभा चुनाव में, चिराग पासवान की पार्टी ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी सीटें जीतने में सफल रही। चिराग ने कई बार अपने आपको प्रधानमंत्री मोदी का हनुमान बताने का दावा किया हैं।

भाजपा की छाया से बाहर निकलने का प्रयास

PTI
के स्रोतों के अनुसार, चिराग पासवान अपने जनाधार को मजबूत करने और भाजपा की छाया से बाहर निकलने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच, यह भी माना जा रहा है कि चिराग भाजपा नेतृत्व को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वे अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के भाजपा नेतृत्व के साथ संबंधों से संतुष्ट नहीं हैं।

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