CJI Chandrachud: रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे चीफ जस्टिक चंद्रचूड़? क्या कभी राजनीति में आएंगे? भविष्य के प्लान पर बोले सीजेआई

CJI Chandrachud: रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे चीफ जस्टिक चंद्रचूड़? क्या कभी राजनीति में आएंगे? भविष्य के प्लान पर बोले सीजेआई
Last Updated: 10 नवंबर 2024

9 नवंबर 2022 को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में डीवाई चंद्रचूड़ ने पदभार संभाला था और आज, 10 नवंबर 2024 को, उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति का ऐलान किया है। सेवानिवृत्ति के बाद डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने भविष्य के प्लान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में वह कोई नया पद ग्रहण करते हैं, तो उनका काम करने का तरीका वही रहेगा जो उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनाया था।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हो गए हैं, और 11 नवंबर को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक फैसले दिए और न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया। अपने सेवानिवृत्त होने से पहले, उन्होंने "बुलडोजर जस्टिस" की आलोचना की, जो अक्सर कानून के आदेश के बिना बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया के कार्रवाई करने की प्रवृत्ति को संदर्भित करता है। उन्होंने इसे कानून के तहत अस्वीकार्य करार दिया, यह दिखाता है कि वह न्यायिक प्रक्रिया के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखेंगे।

हर काम को ईमानदार से रहना चाहिए- सीजेआई

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनके लिए सेवानिवृत्ति के बाद भी उनके पद के प्रति जिम्मेदारी और ईमानदारी बनाए रखना महत्वपूर्ण रहेगा। उन्होंने यह माना कि जब आप सीजेआई या न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होते हैं, तो समाज आपके प्रति एक विशेष उम्मीद रखता है। लोग आपको हमेशा न्यायाधीश के रूप में ही देखेंगे और उनसे जुड़ी एक जिम्मेदारी को समझते हुए काम करना होगा।

सीजेआई ने यह भी बताया कि कानूनों के तहत सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को विभिन्न महत्वपूर्ण न्यायाधिकरणों में कार्य करने का अवसर मिलता है, जैसे राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT), दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण, और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) इन न्यायाधिकरणों में आने वाले मामले अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं, और इन मामलों की सुनवाई के लिए ईमानदारी और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को इन संस्थाओं में नियुक्त किया जाता है, ताकि वे अपने अनुभव और ज्ञान से न्यायपालिका की कार्यक्षमता को बढ़ा सकें।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि...

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायाधिकरणों में पूर्व न्यायाधीशों की भूमिका की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि इन पदों पर काम करने वाले न्यायाधीशों के बारे में सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए, क्योंकि यह कानून का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया को यह पुनर्विचार करना चाहिए कि वह इन पदों को स्वीकार करने वाले सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को कैसे चित्रित करती है। उनका यह बयान यह संकेत देता है कि न्यायपालिका की स्वायत्तता और न्यायिक कार्यों को लेकर मीडिया की भूमिका को लेकर एक विचार विमर्श की आवश्यकता हैं।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपनी आगामी योजना के बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन यह संभावना जताई जा रही है कि यदि वे किसी न्यायाधिकरण में भूमिका ग्रहण करते हैं, तो वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में लिए गए कठोर और न्यायिक दृष्टिकोण वाले फैसलों को जारी रखेंगे। अपने विदाई समारोह में चंद्रचूड़ ने हल्के-फुल्के अंदाज में यह कहा कि शायद वे सबसे अधिक ट्रोल होने वाले न्यायाधीश हैं और अब वे यह सोच रहे हैं कि सोमवार से क्या होगा, क्योंकि उन्हें ट्रोल करने वाले लोग अब बेरोजगार हो जाएंगे।

चंद्रचूड़ क्या कभी राजनीति में आएंगे?

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने राज्यसभा जाने के सवाल पर स्पष्ट रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि यदि वे इस सवाल का जवाब देंगे, तो यह उनके पूर्ववर्ती सीजेआई पर टिप्पणी करने जैसा होगा, और उनके लिए पूर्ववर्ती सीजेआई का बहुत सम्मान है। यह बयान यह दर्शाता है कि चंद्रचूड़ न्यायपालिका और उसके पूर्व सदस्यों के प्रति अपनी सम्मान की भावना को बनाए रखते हुए, अपनी भविष्य की योजनाओं को सार्वजनिक रूप से नहीं उजागर करना चाहते।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि न्यायाधीशों से समाज को बहुत उम्मीदें होती हैं। लोग उनसे वही अपेक्षाएं रखते हैं, जो आम लोगों से नहीं होतीं, और वे इस जिम्मेदारी को पूरी तरह से समझते हैं। उनके अनुसार, यह बात उन्हें हमेशा यह याद दिलाती है कि उन्हें समाज की अपेक्षाओं का आदर करते हुए कार्य करना चाहिए।

उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता, जो खुद भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे, रिटायरमेंट के बाद भी लोगों के बीच सम्मानित बने रहे थे। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे भी रिटायरमेंट के बाद अपनी गरिमा का ध्यान रखते हुए सोच-समझ कर काम करेंगे। उनका यह बयान यह दिखाता है कि वे सार्वजनिक जीवन में अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों के प्रति सजग और ईमानदार रहेंगे।

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