Cyclone Dana: चक्रवात दाना को लेकर बड़ा अपडेट, तूफान के कमजोर पड़ने से चार राज्यों को मिली राहत, जानें क्या है वजह?

Cyclone Dana: चक्रवात दाना को लेकर बड़ा अपडेट, तूफान के कमजोर पड़ने से चार राज्यों को मिली राहत, जानें क्या है वजह?
Last Updated: 25 अक्टूबर 2024

चक्रवात दाना, जो पिछले कुछ दिनों से तबाही मचा रहा था, अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगा है। इस खबर ने चार राज्यों के लोगों को राहत दिलाई है। चक्रवात के आगे बढ़ने के तरीके से यह लग रहा था कि इस बार की दीवाली लोगों के लिए खराब होने वाली है।

Cyclone Dana: ओडिशा में चक्रवात दाना की अचानक कमजोरी और लैंडफॉल प्रक्रिया में देरी से लोगों में खूब चर्चा हो रही है। यह चक्रवात लैंडफॉल के बाद भीषण होने के बजाय केवल चक्रवात की स्थिति में गया, जिससे कई लोग हैरान हैं।

सामान्य तौर पर, चक्रवात की लैंडफॉल प्रक्रिया में 5 से 6 घंटे का समय लगता है। लेकिन, चक्रवात दाना की लैंडफॉल प्रक्रिया 8 घंटे तक चली। रात 12 बजे भीतरकनिका हवालीखटी नेचरकैंपस के समीप लैंडफॉल शुरू हुआ जो कि सुबह साढ़े 8 बजे तक चला। इस अचानक कमजोरी के पीछे के कारणों का पता लगाना अभी बाकी है। मौसम वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा किए गए विश्लेषण से आगे जानकारी मिलने की उम्मीद है।

क्यों कमजोर हुआ चक्रवात दाना?

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशिका मनोरमा महांति के अनुसार, चक्रवात दाना के कमजोर होने की मुख्य वजह दो एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन का बनना था। जब चक्रवात तट की ओर बढ़ रहा था, तो उसके पूर्व और पश्चिम दोनों तरफ दो दबाव के क्षेत्र बन गए। इन क्षेत्रों ने चक्रवात दाना को दोनों तरफ से दबा दिया, जिससे उसकी गति धीमी हुई और वह कमजोर पड़ गया।

इसके अलावा, एक गर्त से निकलने वाली शुष्क हवा भी चक्रवात दाना में प्रवेश कर गई। इस हवा ने भी चक्रवात की गति को धीमा करने और उसे कमजोर बनाने में योगदान दिया। इन सभी कारकों के कारण चक्रवात दाना का लैंडफॉल प्रक्रिया में देरी हुई और वह अपेक्षाकृत कमजोर होकर तट पर पहुंचा।

चार राज्यों को चक्रवात से मिली राहत

चार राज्यों, बिहार, बंगाल, झारखंड और ओडिशा के लोगों को हाल ही में आए चक्रवात से राहत मिली है। चक्रवात के कमजोर होने से दिवाली के पर्व पर बारिश का खतरा भी टल गया है। हालाँकि, ओडिशा के बालेश्वर में चक्रवात का असर देखने को मिला, जहाँ कई जगहों पर बड़े पेड़ टूटकर गिर गए। अब लोग दिवाली का त्योहार शांति और सुरक्षा के साथ मना सकते हैं।

IMD ने जारी किया अपडेट

मौसम वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया पूर्वानुमान सही मौसम वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने हाल ही में आए चक्रवात के पूर्वानुमान को लेकर अपनी बात रखी है। उनका कहना है कि उनका पूर्वानुमान काफी हद तक सही साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि चक्रवात के टकराव के स्थान और उस समय हवा की गति को लेकर उनके अनुमान सही थे। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दो दबावों के बीच फंस जाने के कारण चक्रवात उतना मजबूत नहीं हो सका जितना उन्होंने अनुमान लगाया था। इस कारण से, चक्रवात का लैंडफॉल लंबे समय तक चला। इसके अलावा, लैंडफॉल क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा कम रही।

चक्रवात कब होता है चक्रवात मजबूत?

चक्रवात की ताकत उसकी आंखों के दिखने पर निर्भर करती है। हालाँकि, हाल ही में दाना नामक चक्रवात अपनी कमजोरी के कारण अपनी आंखें नहीं दिखा सका। उमाशंकर दास ने बताया कि कमजोर चक्रवात की भविष्यवाणी करना काफी मुश्किल होता है। ताज़ा रिपोर्टों के अनुसार, भद्रक, बालेश्वर और केंद्रापड़ा में 150 मिमी से ज़्यादा बारिश हुई है, जबकि अन्य जगहों पर भी ज़ोरदार से बहुत ज़ोरदार बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि चक्रवात के कमजोर होने के कारण, इसके उपरीकेंद्र के आसपास के क्षेत्र को छोड़कर अन्य स्थानों पर बारिश नहीं हुई।

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