दिल्ली के स्कूलों में बम से उड़ाने की धमकी का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है। शनिवार को राजधानी के कम से कम छह स्कूलों को धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए, जिससे प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। यह घटना इस सप्ताह की तीसरी धमकी की घटना है, जिससे दिल्ली के स्कूलों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
इस घटना की शुरुआत दिल्ली पब्लिक स्कूल आरके पुरम से हुई, जहां सुबह छह बजकर नौ मिनट पर बम की धमकी का फोन आया। इसके बाद तुरंत दिल्ली दमकल विभाग, पुलिस, डॉग स्क्वायड और बम निरोधक दस्ते की टीम स्कूल पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया गया। इसके बाद वसंत कुंज स्थित रयान इंटरनेशनल स्कूल और साकेत स्थित ज्ञान भारती स्कूल सहित अन्य स्कूलों को भी इसी प्रेषक से धमकी मिली। पुलिस ने इन स्कूलों की भी जांच की, लेकिन किसी भी स्कूल में कुछ संदिग्ध नहीं मिला।
यह घटनाएं पिछले कुछ दिनों में बढ़ी हैं। इससे पहले शुक्रवार को भी करीब 30 स्कूलों को इसी तरह की धमकियों के ईमेल मिले थे, और एक दिन पहले सोमवार को 44 स्कूलों को धमकी भेजी गई थी। इस दौरान विभिन्न एजेंसियों ने स्कूल परिसरों की तलाशी ली, लेकिन कोई खतरा नहीं पाया गया। पुलिस ने इन घटनाओं को अफवाह करार दिया, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशासन ने जांच जारी रखी।
धमकी का कारण: शरारत या गंभीर खतरा?
दिल्ली पुलिस ने एक और दिलचस्प जानकारी दी है कि शनिवार को एक पुराने मामले की जांच करते हुए, स्पेशल सेल ने एक प्राइवेट स्कूल के छात्र को ट्रेस किया, जिसने धमकी भरे ईमेल भेजे थे। यह बच्चा शरारत करते हुए यह काम कर रहा था। पुलिस ने उसे काउंसलिंग दी और उसके माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने बच्चे पर नजर रखें।
इस प्रकार की घटनाएं कोई नई नहीं हैं। पिछले कुछ महीनों में भी दिल्ली के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियां मिल चुकी हैं, जिनमें से कई मामलों में छात्रों या किसी अन्य शरारती तत्वों का हाथ सामने आया है। हालांकि, इन धमकियों को हमेशा गंभीरता से लिया जाता है और सुरक्षा बलों द्वारा पूरे स्कूल परिसर की जांच की जाती है।
स्कूलों के लिए सुरक्षा की चुनौती
दिल्ली में स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी की घटनाएं प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। इस प्रकार की धमकियों से न सिर्फ बच्चों और शिक्षकों में भय का माहौल बनता है, बल्कि स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठते हैं। प्रशासन ने इन घटनाओं को लेकर अतिरिक्त सुरक्षा उपायों का वादा किया है, लेकिन शरारतों के कारण हर बार इनकी गंभीरता पर सवाल खड़े होते हैं।
आखिरकार, यह साफ है कि इन धमकियों के बाद दिल्ली के स्कूलों की सुरक्षा और सतर्कता को और भी बढ़ाना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।