केंद्र सरकार ने संसद में देश में कुल मोबाइल यूजर्स और मोबाइल नेटवर्क कवरेज के बारे में अहम जानकारी दी है। सरकार के अनुसार, देश के ग्रामीण क्षेत्रों के 97 प्रतिशत हिस्से तक मोबाइल नेटवर्क अब पहुंच चुका है, जिससे दूरदराज के इलाकों में कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
Total Mobile Users In India
बुधवार को संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, 31 अक्टूबर तक देश में मोबाइल उपयोगकर्ताओं की कुल संख्या 115.12 करोड़ हो गई है। संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में लिखित उत्तर देते हुए बताया कि देश के कुल 6,44,131 गांवों में से लगभग 6,23,622 गांवों में अब मोबाइल नेटवर्क कवरेज मौजूद है।
सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा आबादी रहित गांवों में चरणबद्ध तरीके से मोबाइल कवरेज प्रदान किया जा रहा है।
इसके साथ ही, केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) के तहत ग्रामीण, दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना कर दूरसंचार कनेक्टिविटी का विस्तार कर रही है।
डिजिटल भारत निधि से फंडेड भारतनेट परियोजना (जिसे पहले राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के नाम से जाना जाता था) के तहत देशभर की सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है। भारतनेट के फेज-I और फेज-II के मौजूदा नेटवर्क को अपग्रेड करने और शेष लगभग 42,000 ग्राम पंचायतों में नेटवर्क निर्माण के लिए सरकार ने संशोधित भारतनेट कार्यक्रम को कैबिनेट से मंजूरी दी है, जिसकी अनुमानित लागत 1,39,579 करोड़ रुपये है।
ग्रामीण भारत में मोबाइल नेटवर्क कवरेज 97%
पिछले सप्ताह, सरकार ने यह जानकारी दी कि ग्रामीण भारत में मोबाइल नेटवर्क कवरेज अब लगभग 97 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, और 6,14,564 गांवों में 4जी मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध हो चुकी है।
राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में, संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने बताया कि प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत 4,543 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) बस्तियों को मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित के रूप में पहचाना गया है। इनमें से 1,136 पीवीटीजी बस्तियों को अब मोबाइल कनेक्टिविटी से कवर किया गया है।
इसके साथ ही, 31 अक्टूबर तक देश के 783 जिलों में से 779 जिलों में 5जी सेवाएं उपलब्ध हो चुकी हैं। देशभर में 4.6 लाख से अधिक 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित किए गए हैं, जिससे 5जी सेवाओं के विस्तार को और गति मिली है।