गाजियाबाद में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध के बावजूद, ऑनलाइन बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वाट्सएप नंबर के जरिए ऑर्डर बुक किए जा रहे हैं, साथ ही फ्री होम डिलीवरी की जा रही है। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद यह बिक्री जारी है, जिससे दीवाली के बाद जिले की हवा और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।
गाजियाबाद: गाजियाबाद में पटाखों की बिक्री पर पाबंदी के बावजूद पुलिस ने बीते कुछ दिनों में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की आतिशबाजी बरामद की है। लेकिन, बिक्री बंद नहीं हुई है। अब ऑनलाइन ऑर्डर बुक कर फ्री होम डिलीवरी भी की जा रही है, और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वाट्सएप नंबर के जरिए लोग पटाखों की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
पटाखों की बिक्री का वाट्सएप नंबर वायरल
पटाखों की बिक्री से जुड़ा एक वाट्सएप नंबर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें गाजियाबाद समेत पूरे एनसीआर में आपूर्ति का दावा किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर "पटाखे ही पटाखे" नाम से बने मैसेज में लोगों को एक मोबाइल नंबर दिया गया है, जिससे संपर्क कर ऑर्डर बुक करने की जानकारी दी जा रही है। यह नंबर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए वायरल किया गया है।
बिना डिलीवरी चार्ज के बिक रहे पटाखे
मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजने के बाद वार्तालाप शुरू होती है। दैनिक जागरण ने शुक्रवार को दिए गए मोबाइल नंबर पर वाट्सएप के माध्यम से आपूर्तिकर्ता से बातचीत की। आपूर्तिकर्ता ने पटाखों की बिक्री करने की सहमति देने के बाद पूछा कि माल कहां मंगाना है। जब उन्हें क्षेत्र का नाम बताया गया, तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया कि माल समय पर पहुंच जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि डिलीवरी चार्ज भी नहीं लिया जाएगा।
वाट्सएप पर लिंक के जरिए हो रही बुकिंग
इस बीच, वाट्सएप पर एक लिंक भेजा गया है। जब लिंक को खोला जाता है, तो एक एप्लिकेशन खुलती है जिसमें "अग्रवाल फायर वर्क्स" नाम का पेज उपलब्ध है, जहाँ ऑर्डर लिए जा रहे हैं। इस पेज पर 40 रुपये से लेकर 7880 रुपये तक के पटाखों की बिक्री के लिए बुकिंग की जा रही है।
दीवाली पर पटाखों की बिक्री पर पाबंदी का खतरा
यदि यही स्थिति जारी रही, तो दीवाली के मौके पर पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाएगी। हाल ही में पटाखों के ऑर्डर तेजी से बुक किए जा रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि पुलिस आतिशबाजी की बिक्री को रोकने में असफल हो रही है।
वर्तमान में, हवा की गुणवत्ता पहले से ही खराब हो चुकी है। यदि यही हालात बने रहे, तो दीवाली पर पटाखों पर पाबंदी लगाना अनिवार्य हो जाएगा। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों से पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर रोक लगाई गई है। इसके बावजूद, बाजार में पटाखों की बिक्री जारी है, और इस बार इसकी बिक्री ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर भी प्रारंभ हो गई है।