खान मुबारक को खत्म करने से खान मुबारक का वजूद खत्म नहीं होगा खान मुबारक है खत्म ना होने वाली ऑर्गेनाइजेशन का नाम है। जिस दिन खान मुबारक पर हमला हुआ था, उस दिन खाकी और खादी कोई भी नहीं बच पाएगा यह फिल्मी डायलॉग नहीं है यह अयोध्या की जेल में बंद एक खूंखार अपराधी का डायलॉग है। जिसने अपना एक वीडियो वायरल किया था और यूपी के एक छोटे से जिले अंबेडकर नगर के अनस्वर थाना क्षेत्र के हर क्षण हर गांव में खान मुबारक रहता था।
और खान मुबारक के पिता का नाम रजि आलम चकबंदी विभाग में लेखापाल थे। उन्होंने खान मुबारक हो स्नातक की पढ़ाई के लिए प्रयागराज भेजा था। लेकिन खान मुबारक ने पढ़ाई में ध्यान न देकर अपराध की दुनिया में कदम रखा और एक क्रिकेट मैच के दौरान खान मुबारक ने एंपायर को गोली मार दी, उसके बाद खान मुबारक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता गया।
उसके बाद में खान मुबारक ने मुंबई काला घोड़ा कांड को अंजाम दिया जिसमें पुलिस ने 2 कैदियों की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी। जिसके बाद दोनों भाइयों ने छोटा राजन के साथ मिलकर अंडरवर्ल्ड की दुनिया में कदम रख दिया जाता है। उसके बाद 27 जुलाई 2017 को लखनऊ में मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था।
इसके बाद से बाहर नहीं आ सकता लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस मामले कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन आज तक किसी भी मामले में उसे सजा नहीं हुई है। प्रशासन के लिए बहुत ही बड़ी शर्मसार कर देने वाली बात है, कि इतने के बाद भी किसी गैर को सजा मिल पाना प्रशासन को शर्मसार कर देने वाली बात है। और इसके बारे में प्रशासन को सोच विचार करनी चाहिए, और इस प्रकार के अपराधियों को जेल के अंदर डालकर फांसी की सजा देनी चाहिए। ताकि कोई भी अपराध की दुनिया में जाने से पहले सोच समझ कर इस दुनिया में कदम रखे और यदि कोई सोच समझ कर फैसला लेगा तो वह अपराध की दुनिया में नहीं जाएगा।