Earthquake in Uttarakhand: उत्तरकाशी में आज फिर आया भूकंप, आठ दिन में आठवीं बार झटका

Earthquake in Uttarakhand: उत्तरकाशी में आज फिर आया भूकंप, आठ दिन में आठवीं बार झटका
अंतिम अपडेट: 4 घंटा पहले

उत्तरकाशी में शुक्रवार सुबह 9.28 बजे 2.7 तीव्रता का भूकंप आया। यह आठ दिनों में आठवां झटका है। भूकंप का केंद्र यमुनाघाटी में 5 किमी गहराई पर था।

Earthquake in Uttarakhand: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार सुबह एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह 9:28 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.7 मापी गई। भूकंप का केंद्र बाड़ाहाट रेंज के नाल्ड के जंगलों में था। आठ दिनों के भीतर यह क्षेत्र में आया आठवां झटका है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत बढ़ गई है।

गुरुवार को भी महसूस हुआ था भूकंप का झटका

इससे पहले, गुरुवार को भी उत्तरकाशी और उसके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। गुरुवार शाम 7:31 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता भी 2.7 थी। इसका केंद्र यमुनाघाटी के सरूताल झील के पास वन क्षेत्र में जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से लोग डरे हुए हैं और किसी अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं।

उत्तरकाशी में बार-बार आ रहे भूकंप के झटके

उत्तरकाशी जिले में पिछले एक हफ्ते से लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं। 24 जनवरी की सुबह जिले में तीन झटके महसूस किए गए थे, जिनमें से दो की तीव्रता क्रमशः 2.5 और 3.5 मैग्नीट्यूड थी। एक झटका बेहद हल्का था, जिसके कारण वह रिक्टर स्केल पर दर्ज नहीं हुआ।

25 जनवरी को भी दो भूकंप के झटके आए, जिनमें पहला 2.4 तीव्रता का था, जबकि दूसरा झटका इतना हल्का था कि उसे रिक्टर स्केल पर दर्ज नहीं किया जा सका। इसके बाद, 31 जनवरी को अपराह्न 3:28 बजे 2.7 तीव्रता का भूकंप आया।

लोगों में दहशत, लेकिन अब तक कोई नुकसान नहीं

लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से उत्तरकाशी जिले में दहशत का माहौल है। लोग घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागते दिखे। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब तक इन झटकों से किसी तरह की जनहानि या संपत्ति को नुकसान नहीं हुआ है।

भूवैज्ञानिकों ने दी सतर्क रहने की सलाह

भूवैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तराखंड का यह क्षेत्र सिस्मिक जोन IV और V में आता है, जो इसे भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील बनाता है। लगातार छोटे झटकों का आना टेक्टोनिक प्लेट्स में हलचल का संकेत हो सकता है, जिससे भविष्य में बड़े भूकंप की संभावना बनी रहती है।

विशेषज्ञों ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह दी है। प्रशासन को भी भूकंपरोधी उपायों को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि किसी संभावित आपदा से बचा जा सके।

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