सरकार ने इस साल त्यौहारी मौसम की शुरुआत से पहले खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में 22 फीसदी की भारी बढ़ोतरी की है। यह वृद्धि 14 सितंबर से लागू हुई, जिसके परिणामस्वरूप बाजार में सभी प्रकार के खाद्य तेलों की कीमतों में इजाफा हो गया है। इस स्थिति के कारण लोगों को त्योहार मनाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
Edible Oil Import Duty Hike: त्योहारों के मौसम से ठीक पहले, सरकार के एक फैसले ने गृहस्थों पर बोझ बढ़ा दिया है। एडिबल ऑयल आयात पर टैक्स बढ़ाने का यह निर्णय खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण बन रहा है। इस दौरान आमतौर पर खाद्य तेल की खपत बढ़ जाती है, लेकिन महंगे होने के कारण लोगों को अतिरिक्त आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। लोकल सर्किल द्वारा किए गए एक सर्वे में यह स्पष्ट हुआ है कि खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों से लोगों को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
खाद्य तेलों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी
दिवाली से ठीक पहले कई खाद्य तेलों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी ने देश भर में किचन का बजट बिगाड़ दिया है। खासकर, उन लोगों का बजट प्रभावित हुआ है जो अपने घर पर दोस्तों और परिवार के सदस्यों को बुलाकर एक साथ त्योहार मनाना पसंद करते हैं। त्योहारों के बाद शादी का सीजन शुरू होने वाला है, जिससे खाद्य तेल की ऊंची कीमतों के कारण बजट में और भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
देखें कितना बढ़ा टैक्स
लोकल सर्किल के को-फाउंडर सचिन तापाड़िया ने बताया कि 14 सितंबर को आयात शुल्क लगभग 20 प्रतिशत बढ़ने के साथ ही अधिकांश खाद्य तेलों की खुदरा कीमतें भी बढ़ गई हैं। क्रूड पाम ऑयल, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी 5.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 27.5 प्रतिशत कर दी गई है, जिसका मतलब है कि 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिफाइंड खाद्य तेलों में भी टैक्स को 13.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 35.75 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि फिर से 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
तेजी से चढ़ी तेलों की दर
उन्होंने बताया कि भारत में खाद्य तेलों का उत्पादन पूरा नहीं हो पाता, जिसके कारण करीब 58 प्रतिशत हिस्सा आयात करना पड़ता है। आयातित तेलों पर टैक्स बढ़ने से सभी खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि होना स्वाभाविक है। यही वजह है कि बाजार में डिब्बाबंद सरसों तेल की कीमतों में 17.5 प्रतिशत, सोयाबीन तेल में 14.87 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, पिछले दो महीनों में सूरजमुखी तेल में 18 प्रतिशत और पाम ऑयल में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है।
लोगों नई कीमतों से हो रही परेशानी
लोकल सर्किल द्वारा किए गए एक सर्वे में लोगों से इन बढ़ी हुई कीमतों के असर के बारे में पूछा गया। इसमें हर दो में से एक परिवार ने माना कि बढ़ी हुई कीमतों की वजह से इस फेस्टिव सीजन में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।