Haryana Assembly Election 2024: गढ़ी-सांपला-किलोई पर देखने को मिलेगा कड़ा मुकाबला, क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगाएंगे सिक्सर या मंजू हुड्डा बिगाड़ेंगी खेल

Haryana Assembly Election 2024: गढ़ी-सांपला-किलोई पर देखने को मिलेगा कड़ा मुकाबला, क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगाएंगे सिक्सर या मंजू हुड्डा बिगाड़ेंगी खेल
Last Updated: 02 अक्टूबर 2024

हरियाणा की गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा सीट इस बार चुनावी चर्चाओं का केंद्र बनी हुई है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का मुकाबला बीजेपी की उम्मीदवार मंजू हुड्डा से होगा। यह सीट हमेशा से चुनावी नतीजों के लिए महत्वपूर्ण रही है और यहां की राजनीति में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता हैं।

पानीपत: हरियाणा के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से एक गढ़ी सांपला-किलोई सीट रोहतक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है और इसे सबसे चर्चित हॉट सीट माना जाता है। इस सीट पर चुनाव के दौरान सभी की नजरें टिकी रहती हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस सीट से लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हैं और परिसीमन से पहले भी एक बार यहां से जीत हासिल कर चुके हैं। इस बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा का मुकाबला बीजेपी की उम्मीदवार मंजू हुड्डा से होगा, जो उनके लिए एक चुनौती साबित हो सकती हैं।

इसके अलावा जेजेपी की सुशीला देवी देशवाल, आम आदमी पार्टी के परवीन गुसाखानी और आईएनएलडी (INLD) के कृष्ण भी इस चुनावी मैदान में हैं, जिससे यह मुकाबला और भी रोचक बन गया है। गढ़ी सांपला-किलोई की यह चुनावी बर्थ हरियाणा की राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

गढ़ी सांपला-किलोई सीट का चुनावी समीकरण

गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा क्षेत्र जाट बहुल है और यहां लगभग 2.25 लाख मतदाता हैं, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत जाट वोटर हैं। इसके अलावा, अनुसूचित जातियों के लगभग 40,000 वोटर्स और ब्राह्मण तथा ओबीसी के 50,000 मतदाता भी हैं, जो चुनाव परिणामों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता, चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा, ने इस सीट पर पहला चुनाव 1967 में लड़ा था, लेकिन उस समय उन्हें महंत श्रेयोनाथ के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा क्षेत्र का सांघी गांव भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पैतृक गांव है, जिससे उनका गहरा जुड़ाव हैं।

इस विधानसभा के अंतर्गत जसिया, रिठाल, किलोई, मकड़ौली, चमारिया, गढ़ी सांपला, सांपला, ईस्माइला और भालौट जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जिन्हें भूपेंद्र सिंह हुड्डा का मजबूत किला माना जाता है। इस चुनाव में इन क्षेत्रों की राजनीतिक गतिशीलता पर सभी की नजरें रहेंगी, क्योंकि ये क्षेत्र निर्णायक साबित हो सकते हैं।

गढ़ी सांपला-किलोई सीट के पिछले चुनाव के नतीजे

बता दें साल 2009 में परिसीमन के बाद गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा क्षेत्र का गठन हुआ, और तब से इस क्षेत्र में तीन चुनाव हुए हैं, जिनमें कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लगातार जीत हासिल की है।2019 के चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 97,755 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के सतीश नांदल 39,443 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. 2014 के चुनाव में हुड्डा को 80,693 वोट मिले, और इनेलो के सतीश कुमार नांदल 33,508 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे। परिसीमन से पहले यह क्षेत्र "किलोई विधानसभा" के नाम से जाना जाता था।

* 1967 में निर्दलीय उम्मीदवार महंत श्रेयोनाथ ने यहां से पहला चुनाव जीता था।

* 1968 में कांग्रेस के चौधरी रणबीर हुड्डा ने जीत हासिल की।

* 1972 में फिर से महंत श्रेयोनाथ विजयी हुए।

* 1977 और 1982 के चुनावों में जनता पार्टी के हरिचंद हुड्डा ने जीत दर्ज की।

* 1987 में लोक दल के श्रीकृष्ण हुड्डा ने चुनाव जीता।

* 1991 में कांग्रेस के कृष्णमूर्ति हुड्डा विजयी हुए।

* 1996 में समता पार्टी के कृष्ण हुड्डा ने जीत हासिल की।

* इसके बाद, 2000 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पहली बार चुनाव जीता और तब से इस क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा बरकरार हैं।

* 2004 में कांग्रेस के कृष्ण हुड्डा ने फिर से जीत दर्ज की।

* 2005 के उपचुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद, हुड्डा ने 2009, 2014, और 2019 के चुनाव भी जीते, जिससे यह क्षेत्र उनके राजनीतिक गढ़ के रूप में स्थापित हो गया।

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