Haryana Election 2024: डेरा सच्चा सौदा का संगठन: चुनाव समर्थन पर मौन, भजन-सिमरन से गुजरा समय सिरसा

Haryana Election 2024: डेरा सच्चा सौदा का संगठन: चुनाव समर्थन पर मौन, भजन-सिमरन से गुजरा समय सिरसा
Last Updated: 04 अक्टूबर 2024

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। डेरा के प्रमुख गुरमीत सिंह की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत, डेरे की वाइस चेयरपर्सन हैं और संगठन के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। डेरा के संगठन की जड़ें हरियाणा में बहुत गहरी हैं। प्रबंधन कमेटी प्रदेश स्तर पर 85 सदस्यों वाली एक राज्यस्तरीय समिति के साथ सलाह-मशविरा करती है।

New Delhi: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह के जेल से पैरोल पर आने के बाद, वीरवार को प्रदेश भर के सभी ब्लॉक में संगत की नाम चर्चा बुलाई गई। यह नाम चर्चा सुबह 11 बजे से 12 बजे तक चली, जिसमें डेरा प्रमुख का कोई संदेश नहीं सुनाया गया, और चुनावों में समर्थन देने का भी कोई निर्णय नहीं लिया गया। नाम चर्चा में केवल भजन सुनाए गए और सिमरन किया गया। प्रदेश में कई जगहों पर भाजपा और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सिमरन के लिए नाम चर्चा में शामिल हुए थे।

इस स्थिति में, डेरा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में प्रत्याशियों को समर्थन देने पर वीरवार को अपनी रणनीति साझा नहीं की। डेरा प्रेमी अब चार अक्टूबर की रात का इंतजार कर रहे हैं, जब डेरा प्रमुख सिरसा में एक सभा आयोजित करने वाले हैं। यह सभा आगामी चुनावों में डेरा के रुख को स्पष्ट कर सकती है।

चुनाव को लेकर कोई निर्णय नहीं 

शहर के हिसार रोड पर स्थित एक निजी पैलेस में सिरसा ब्लाक की नाम चर्चा का आयोजन हुआ। सुबह से ही डेरा प्रेमियों की भीड़ नाम चर्चा में शामिल होने के लिए उमड़ पड़ी। इस नाम चर्चा में डेरे की 85 सदस्यीय कमेटी के सदस्य भी उपस्थित थे, लेकिन किसी ने भी कोई संदेश नहीं सुनाया।

जैसे ही दोपहर 12 बजे नाम चर्चा समाप्त हुई, डेरा प्रेमी आपस में यह चर्चा करते हुए पाए गए कि डेरे ने चुनाव को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं दिया है। ही कमेटी के किसी सदस्य ने इस विषय पर कोई टिप्पणी की। अब प्रेमी चार अक्टूबर की रात तक का इंतजार करेंगे। इस दौरान, डेरे की इस नाम चर्चा को लेकर खुफिया विभाग भी पूरी तरह सतर्क रहा।

कैसे पहुंचता हैं डेरे का संदेश?

डेरे की प्रबंधन कमेटी चुनावों में किसको समर्थन देना है, यह निर्णय लेती है। वर्तमान में गुरमीत सिंह की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत डेरे की उपाध्यक्ष हैं। प्रबंधन कमेटी प्रदेश की राज्य स्तरीय 85 सदस्यीय कमेटी से राय मशविरा करती है। इसके बाद, समर्थन का संदेश रातों-रात जिला स्तर पर बनी 25 सदस्यीय कमेटी के माध्यम से ब्लॉक स्तर पर बनी 15 सदस्यीय कमेटी तक पहुँचता है।

ब्लॉक स्तर की कमेटी आगे गांव में सात सदस्यीय कमेटी को यह संदेश भेजती है। आखिरकार, यह संदेश डेरा प्रेमियों तक पहुँचता है। डेरा प्रेमियों को व्हाट्सएप या मोबाइल के माध्यम से संदेश दिया जाता है। कुछ मामलों में, व्यक्तिगत रूप से भी संपर्क किया जाता है। यदि किसी प्रेमी को संदेश पर शक होता है, तो उसे ऊपर की कमेटी सदस्यों से

बातचीत करवाई जाती है। इस प्रकार, डेरे का संदेश एक सुनियोजित प्रक्रिया से होकर गुजरता है और डेरा प्रेमियों तक पहुँचता है।

डेरा सच्चा सौदा की राजनीतिक शाखा भंग

एक साल पहले ही लिया गया था फैसला पिछले साल डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रबंधन ने अपनी राजनीतिक शाखा को भंग कर दिया था। हालांकि, साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के दोषी पाए जाने से पहले, डेरा ने किसी भी पार्टी को समर्थन देने के बारे में यह बयान दिया था कि वे किसी भी पार्टी का समर्थन तभी करेंगे जब यह उनके लिए उचित होगा और वे किसी भी पार्टी को कोई आदेश नहीं देते। इस फैसले के पीछे क्या कारण थे और क्या भविष्य में डेरा फिर से राजनीति में सक्रिय होगा, यह तो समय ही बताएगा।

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