इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के गठबंधन ने हरियाणा में सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि यह चुनाव केवल विधायकों को चुनने का नहीं, बल्कि सिरसा जिले के लोगों के लिए मुख्यमंत्री चुनने का है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले दस वर्षों में हरियाणा को पूरी तरह से लूट लिया है।
Haryana: चुनाव प्रचार के अंतिम दिन, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने ओढां में रानियां, डबवाली, और कालांवाली विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ सिरसा और ऐलनाबाद हलके में चोपटा में एक रैली का आयोजन किया। इन रैलियों में इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा में इनेलो-बसपा गठबंधन की सरकार बनने का दावा पेश किया।
चुनावों को लेकर अभय सिंह ने दिया बयान
अभय सिंह चौटाला ने हाल ही में दिए एक बयान में कहा कि यह चुनाव केवल विधायक चुनने का चुनाव नहीं है, बल्कि सिरसा जिले के लोगों के लिए यह चुनाव मुख्यमंत्री बनाने का भी है। चौटाला ने स्पष्ट रूप से इशारा किया कि इस चुनाव में सिरसा के लोगों की भूमिका राज्य के अगले मुख्यमंत्री के चयन में अहम हो सकती है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले दस सालों में हरियाणा में कांग्रेस का शासन रहा, और फिर उसके बाद भाजपा ने पिछले दस वर्षों से सत्ता संभाली है। इस बयान के माध्यम से उन्होंने वर्तमान और पिछले शासनकाल की ओर ध्यान आकर्षित किया और जनता से परिवर्तन का आह्वान किया। चौटाला ने आगे यह भी कहा कि चुनावों के दौरान वे हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में गए हैं, जहां उन्होंने लोगों की समस्याओं और मुद्दों को सुना और समझा है।
अभय सिंह चौटाला ने किया दावा
भाजपा द्वारा पिछले दस वर्षों में हरियाणा की लूट, युवाओं को बेरोजगारी के संकट में डालने और शिक्षा तथा स्वास्थ्य प्रणाली को बुरी तरह से नष्ट करने के परिणामस्वरूप, हरियाणा में भाजपा का पूरा सफाया हो चुका है। इनेलो-बसपा गठबंधन को 30 से 35 सीटों पर जीत की संभावना है और फिर से आपकी सरकार स्थापित होगी।
इनेलो-बसपा गठबंधन को मिला समर्थन: अभय
अभय सिंह चौटाला ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा दलित समुदाय के खिलाफ की गईं कटाक्षपूर्ण और अभद्र टिप्पणियों के कारण दलित वर्ग अब इनेलो और बसपा गठबंधन के पक्ष में एकजुट हो चुका है। इसके साथ ही उन्होंने उल्लेख किया कि बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा हरियाणा में प्रचार करने के बाद दलित समुदाय का समर्थन इनेलो-बसपा गठबंधन को मिला है।
अभय चौटाला ने यह भी कहा कि अगर उन्हें बीजेपी में शामिल होना होता, तो वह 2014 में, जब मोदी की सरकार बनी थी, तभी बीजेपी में शामिल हो जाते। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर वह उस समय बीजेपी में शामिल हो जाते, तो उनके पिता, ओम प्रकाश चौटाला, को 10 साल की सजा नहीं काटनी पड़ती।