Haryana Election News: हरियाणा में आदर्श आचार संहिता लागू, नई भर्तियों और स्कीमों का क्या होगा? 10 बिंदुओं के माध्यम से समझें पूरी जानकारी

Haryana Election News: हरियाणा में आदर्श आचार संहिता लागू, नई भर्तियों और स्कीमों का क्या होगा? 10 बिंदुओं के माध्यम से समझें पूरी जानकारी
Last Updated: 17 अगस्त 2024

भारतीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की। राज्य में मतदान 1 अक्टूबर को और मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी। निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है। इस आचार संहिता के तहत कई प्रतिबंध भी प्रभावी हो गए हैं।

फरीदाबाद: चुनाव आयोग ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है। राज्य में 1 अक्टूबर 2024 को मतदान होगा, जबकि 4 अक्टूबर को मतों की गिनती की जाएगी। चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ ही निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है। इसके अंतर्गत कई प्रतिबंध भी प्रभावी हो गए हैं, जो कि मतगणना के बाद तक बने रहेंगे।

क्या है आचार संहिता?

आदर्श आचार संहिता एक ऐसा दस्तावेज है जिसे विभिन्न राजनीतिक दलों की सहमति से तैयार किया गया है। सभी दल इस संहिता के सिद्धांतों और मानकों का अक्षरश: पालन करने के लिए सहमत होते हैं। महत्वपूर्ण यह है कि आदर्श आचार संहिता किसी विधायी कानून के अंतर्गत नहीं बनाई जाती, बल्कि यह केवल सहमति के आधार पर तैयार की जाती हैं।

हरियाणा में कब तक लागु रहेगी आचार संहिता?

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की अधिसूचना जारी करने के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू होती है। यह आचार संहिता तब तक सक्रिय रहती है जब तक चुनाव प्रक्रिया समाप्त नहीं हो जाती। लोकसभा चुनाव के दौरान यह आचार संहिता पूरे देश में लागू होती है, जबकि विधानसभा चुनाव में यह केवल संबंधित राज्य में लागू होती है। उदाहरण के लिए हरियाणा में आचार संहिता विधानसभा चुनाव की तरीकों के एलान के बाद 16 अगस्त 2024 से प्रारंभ हो गई है, जो 4 अक्टूबर 2024 तक प्रभावी रहेगी।

अचार संहिता में इन चीजों पर रहेगी रोक

1. नई भर्ती और नई परीक्षाओं का आयोजन अब रोका गया है।

2. शराब की दुकानों और तेंदु के पत्तों की नीलामी पर भी रोक लगाई गई है।

3. विज्ञापन, होर्डिंग और पोस्टरों के उपयोग पर रोक लगाई गई है।

4. सरकारी योजनाओं की घोषणा, शिलान्यास और उद्घाटन पर भी प्रतिबंध है।

5. सुबह 6:00 बजे से पहले और शाम 10 बजे के बाद जनसभाओं पर रोक लगाई गई है।

6. सरकार अब अधिकारियों का तबादला नहीं कर सकती है।

8. अखबारों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और अन्य मीडिया पर सरकारी खर्चे से विज्ञापनों का प्रकाशन नहीं किया जा सकता है।

9. राज्य दिवस पर मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री उपस्थित नहीं हो सकते हैं और राजनीतिक भाषण भी नहीं दे सकते हैं। इन तीनों का फोटोयुक्त विज्ञापन भी जारी नहीं किया जा सकता हैं।

10. राज्यों के मुख्यमंत्री दीक्षांत समारोह में भाग नहीं ले सकते हैं। मंत्री सायरन और बीकन वाली पायलट कार का उपयोग नहीं कर सकते हैं।

 

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