Jammu-Kashmir: नेकां कैबिनेट की अहम बैठक, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी

Jammu-Kashmir: नेकां कैबिनेट की अहम बैठक, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
Last Updated: 19 अक्टूबर 2024

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह कर सकते हैं। यह बैठक जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति को लेकर महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर जब से हाल ही में कैबिनेट ने इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित किया है।

Jammu Kashmir: नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, इस बैठक में अनुच्छेद 370 और 35ए के विवादास्पद मुद्दों को नहीं उठाया गया है।

सीएम उमर अब्दुल्ला का विपक्ष के निशाने पर आना

उमर अब्दुल्ला की सरकार के इस कदम के बाद, उन्हें विपक्ष के तीखे हमलों का सामना करना पड़ रहा है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के नेताओं ने आरोप लगाया है कि उमर भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं और अपने चुनावी वादों से मुकर रहे हैं। उन्होंने उमर से अनुरोध किया है कि वे अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली के लिए ठोस प्रयास करें।

विपक्ष की प्रतिक्रियाएं

पीडीपी की महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने सवाल उठाया है कि क्या यह जम्मू-कश्मीर के लिए अच्छा संकेत है कि पहली कैबिनेट बैठक में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव गोपनीयता में डूबा हुआ है, जबकि अनुच्छेद 370 के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। वहीं, पीसी के सज्जाद लोन ने कहा कि यह प्रस्ताव विधानसभा में पारित किया जाना चाहिए था, न कि केवल कैबिनेट में।

भाजपा के साथ संबंधों पर आरोप

एआईपी के इंजीनियर रशीद ने उमर पर आरोप लगाया कि वह भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेकां को पहले से ही अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बारे में जानकारी थी और अब वह केवल राज्य का दर्जा बहाल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

आगे की रणनीति

उमर अब्दुल्ला की सरकार की यह पहली कैबिनेट बैठक महत्वपूर्ण है, लेकिन विपक्ष के सवालों और चिंताओं के बीच यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से मुलाकात में किस तरह की रणनीति अपनाते हैं। राज्य के लोगों से किए गए वादों को पूरा करना उनकी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।

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