जनगणना का समय नजदीक, सर्वे में 31 महत्वपूर्ण सवालों का एक सेट तैयार, क्या जाति आधारित जनगणना भी होगी शामिल?

जनगणना का समय नजदीक, सर्वे में 31 महत्वपूर्ण सवालों का एक सेट तैयार, क्या जाति आधारित जनगणना भी होगी शामिल?
Last Updated: 9 घंटा पहले

जनगणना सर्वेक्षण का समय काफी समय से चल रही दशकीय जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने का कार्य जल्द ही शुरू हो सकता है। जनगणना की समयावधि अब स्पष्ट हो गई है। भारत की जनसंख्या की गणना 1951 से हर 10 साल में की जाती आई है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में जनगणना का कार्य नहीं हो पाया।

नई दिल्ली: जनगणना सर्वेक्षण का समय देश की जनसंख्या के आंकड़े जानने की उत्सुकता को बढ़ाता है। कई वर्षों से जनगणना का यह कार्य रुका हुआ था। इस बीच, दशकीय जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने का कार्य अब जल्द ही आरंभ हो सकता है। जनगणना के लिए समय की घोषणा हो चुकी है।

2025 में होगी जनगणना

समाचार एजेंसी पीटीआई के आधिकारिक स्रोतों के अनुसार, 2025 की शुरुआत में जनगणना शुरू होने की संभावना है। इस जनगणना का डेटा 2026 तक घोषित किया जाएगा, जिससे भविष्य की जनगणना चक्र में परिवर्तन होगा।

जाति जनगणना पर फैसला लंबित

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि आम जनगणना के साथ जाति जनगणना भी होगी या नहीं। देश की जनसंख्या की गणना 1951 से हर 10 साल में होती रही है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में यह प्रक्रिया आयोजित नहीं की जा सकी। इस संबंध में आगामी कार्यक्रम की कोई आधिकारिक घोषणा अब तक नहीं की गई है।

भविष्य के जनगणना चक्रों में बदलाव

यह संभावना जताई जा रही है कि जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का कार्य अगले साल की शुरुआत में आरंभ होगा, और जनसंख्या से संबंधित आंकड़े 2026 तक जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही, जनगणना चक्र में बदलाव आने की संभावना है। ऐसे में, आगामी जनगणना चक्र 2025-2035 के बीच होगा, इसके बाद 2035-2045 और इसी प्रकार से भविष्य में आगे बढ़ता रहेगा।

जनगणना में पूछे जाने वाले 31 प्रश्नों की तैयारी पूरी रजिस्ट्रार

जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यालय ने जनगणना के दौरान नागरिकों से पूछे जाने वाले 31 प्रश्नों को तैयार किया है। इन प्रश्नों में यह भी शामिल है कि क्या घर का मुखिया अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित है, और क्या परिवार के अन्य सदस्यों से पिछले जनगणना में पूछे गए प्रश्नों के समान प्रश्न पूछे जाएंगे।

जनगणना में पूछे जाने वाले 31 सवालों की सूची

जनगणना के तहत पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न निम्नलिखित हैं:

परिवार में सामान्य रूप से रहने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या।

क्या परिवार की मुखिया महिला है?

परिवार के पास कितने कमरे हैं?

परिवार में निवास करने वाले विवाहित युगलों की संख्या।

परिवार के पास टेलीफोन, इंटरनेट कनेक्शन, मोबाइल या स्मार्टफोन है?

क्या परिवार के पास साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल या मोपेड है?

क्या उनके पास कार, जीप या वैन है?

नागरिकों से पूछा जाएगा कि वे घर में कौन सा अनाज खाते हैं।

पीने के पानी का मुख्य स्रोत क्या है?

शौचालय तक पहुंच और उसका प्रकार क्या है?

अपशिष्ट जल का आउटलेट कैसे है?

स्नान की सुविधा उपलब्ध है या नहीं?

रसोई की उपलब्धता और एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन।

खाना पकाने के लिए उपयोग किए जाने वाले मुख्य ईंधन के प्रकार।

रेडियो, ट्रांजिस्टर, टेलीविजन आदि की उपलब्धता।

विपक्ष की चिंता

विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस और आरजेडी, जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं ताकि देश में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की वास्तविक आबादी का सही आंकड़ा प्राप्त किया जा सके। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने अभी तक जाति जनगणना पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।

इसके अलावा, यह देखना होगा कि जब जनगणना के आंकड़े प्रकाशित होंगे, तो क्या सरकार 2026 में होने वाले परिसीमन अभ्यास को आगे बढ़ाएगी।

दक्षिणी राज्यों के कई राजनीतिक नेताओं ने चिंता व्यक्त की है कि जनसंख्या नियंत्रण में उनकी सफलताएं उनके राजनीतिक प्रभाव को कमजोर कर सकती हैं। उनका मानना है कि नए आंकड़ों के आधार पर परिसीमन करने से दक्षिणी राज्यों को वर्तमान निर्वाचन क्षेत्रों की तुलना में कम संसदीय सीटें मिल सकती हैं।

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