जमशेदपुर जिला के कुकमारा गांव के निकट एक खेत में मिट्टी निकलने का काम कर रही सात महिला अचानक मिट्टी का टीला ढहने से उसके नीचे दब गई, जिसके कारण तीन महिलाओं की मृत्यु हो गई।
जमशेदपुर: बहरागोड़ा थाना के कुकमारा गांव में मिट्टी का पहाड़ धंसने से उसके नीचे सात महिलाएं दब गई. सात में से तीन महिलाओं की मिट्टी में दबने के बाद दम घुटने से मौत हो गई और चार महिलाएं बेहोश हो गई. थाना प्रभारी विकास कुमार ने Subkuz.com को बताया कि सात महिलाओं में से एक की हालत ज्यादा खराब हो गई, जिसके कारण उसे एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एडमिट किया गया।
सरहुल त्यौहार मनाने के लिए लाने गई मिट्टी
गांव के मुखिया बिहारी लाल मार्डी ने मीडिया को बताया कि सरहुल पर्व महिलाएं सफेद मिट्टी से घर की दीवार, आंगन और चूल्हे को लीपने का काम करती है. इसलिए सफेद मिट्टी लेने के लिए आदिवासी महिलाएं गांव के जोहड़ में गई. मुखिया ने बताया कि जोहड़ की जमीन उबड़-खाबड़ है. इसके कोने में सात-आठ फिट का ऊंचा मिटटी का टीला बना हुआ हैं। टिल्ले के नीचे से मिट्टी निकालने के दौरान सात महिलाएं नीचे डाब गई और उनमे से तीन महिलाओं की मोके पर ही मौत हो गई।
हादसे में मरने वाले लोग
थाना अधिकारी ने बताया कि मिट्टी के नीचे दबने से मंजू कुमारी किस्कू (32 वर्ष), सुशीला देवी सोरेन (30 वर्ष) और आलो मोनी देवी (35 वर्ष) क मोके पर ही मौत हो गई. तथा चीता कुमारी मुर्मू (31 वर्ष), रायमनी कुमारी हांसदा (16 साल), कमाली मुर्मू (19 वर्ष) और सलमा टुडू (33 साल) की हालत काफी ज्यादा खराब हो गई हैं।
जमशेदपुर डीसी अनन्य कुमार मित्तल ने Subkuz.com को बताया कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है. यह 'मेेन मेड लैंडस्लाइड' की घटना है. इसलिए मरने वाली महिलाओं के परिवार को उचित मुआवजा दिलाने के लिए कंसर्न सचिव के सम्पर्क में रहना होगा और मुआवजा देने की कार्रवाई करेंगे।