ईद स्पेशल : गजा की ईद कैसे बीती, जानें Subkuz.com की रिपोर्ट से

ईद स्पेशल : गजा की ईद कैसे बीती, जानें Subkuz.com की रिपोर्ट से
Last Updated: 11 अप्रैल 2024

रमजान महीना के आखरी दिन ईद का पर्व मनाया जाता है. रफ़ा सीमा पर रहने वाले फ़लस्तीनीयों ने इस साल की ईद और पिछले साल की ईद के समय के बारे में मीडिया को बताया।

गजा:  हारून अल मेदललका ने Subkuz.com को बताया कि "दर्द, बेराजगारी, भुखमरी, बंटवारा और लगातार हो रही गोलाबारी के बावजूद, हम लोग प्यार और सम्मान के साथ जीवन जीने वाले लोग हैं."  हारून ने बताया कि हालात को देखते हुए कुछ फ़लस्तीनी महिलाएं खाना पक्का रही हैं. तथा उन अनाथ बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने की तरह-तरह के प्रयास कर रही हैं, जिन्होंने इसराइल के द्वारा किए गए हमलों में अपने माता-पिता और परिवार को हमेशा-हमेशा के लिए खो दिया हैं।

ईद के दिन कब्र पर की नमाज अदा

अलाअल खान एद्दाह ने Subkuz.com की मीडिया को बताया कि इजराइल युद्ध में रिकॉर्ड संख्या में लोगों के मरने के कारण इस साल ईद के त्योहार पर लोगो दुखी और बेचैन है. लोगों ने कहां कि पहले ईद की बधाई देने के लिए रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घर जाते। मस्जिद में नमाज अदा करते थे और बच्चे मिठाइयां आदि खा कर खुशियाँ मनाते थे. लेकिन अब दुःख और खौफ में जीवन यापन कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने बताया कि सभी लोग मजबूत है और इस सदमे से बाहर निकलक ईद का पर्व खुशी-खुशी मनाएंगे, रिश्तेदारों को बुलाएंगे, सब के घर बधाई देने जाएंगे, मिठाई और सेवईया बनवाकर उन लोगों से भी घर पर जाकर मिलेंगे जिनके अपने हमले में मारे गए हैं. आज ईद के अवसर पर दक्षिणी ग़ज़ा में रहने वाले कई लोग अपने परिवार के लोगों की कब्रगाह पर जाकर ईद की नमाज़ अदा की हैं।

युद्ध में मारे गए बच्चे

जानकारी के अनुसार दक्षिणी शहर राफा में रहने वाली 40 साल की एक महिला ने मीडिया को बताया कि यद्ध के कारण एल्हम का घर अब पूरी तरह ढ़हने के बाद मलबे का ढेर बन गया है. इसमें एक ही कमरा बमबारी से बच गया और उसका परिवार अब उसी कमरे में रहकर अपना जीवन यापन करते है. रफा में 14-15 लाख फलस्तीनियों ने शरण ले रखी हैं।

पत्रकार ने युद्ध में मरने वाले लोगों के परिवार से पूछा कि क्या वो लोग इस साल ईद का पर्व मना रहे हैं? इस बात का जवाब देते हुए उन्होंने बताया की हमारी  ईद की रौनक अपनों के साथ ही चली गई. हमने ना ही कोई नए कपडे खरीदे और ना ही ऐसी कोई खुशी है. यह युद्ध में शहीद हुए हमारे बच्चों के लिए बहुत दुखद और दर्द भरा दिन हैं।

रमज़ान का महीना ईद (भाईचारा) के पर्व के साथ ही खत्म होता है. लेकिन ग़ज़ा में इस समय ऐसे हालात है की लोग भुखमरी से मरने के लिए मजबूर हो गए हैं. पत्रकार ने बताया कि यहां पर लोग खाने के लिए बेताब हो रहे है,वह खाने का इंतज़ाम नहीं कर पा रहे हैं. "पिछले साल की ईद ख़ुशियों और बच्चों के लिए मनोरंजन से भरपूर थी, लेकिन इस बार युद्ध और लगातार बमबारी के कारण लोगों में डर और खौफ का माहौल बना हुआ हैं।

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