जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस पार्टी ने आगामी चुनावों के लिए चौथी सूची जारी की है। इस लिस्ट के साथ, कांग्रेस अब तक कुल 39 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है। इससे पहले की तीन सूचियों में पार्टी ने 34 उम्मीदवारों का ऐलान किया था। चौथी सूची में जिन उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं, वे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से हैं और कांग्रेस ने उन सीटों पर मजबूत दावेदारों को उतारने की कोशिश की हैं।
श्रीनगर: कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए अपनी चौथी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें 5 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है। इससे पहले की तीन सूचियों में पार्टी ने 34 उम्मीदवारों का ऐलान किया था। चौथी सूची में जिन उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं, वे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से हैं और कांग्रेस ने उन सीटों पर मजबूत दावेदारों को उतारने की कोशिश की हैं।
कांग्रेस ने विभिन्न क्षेत्रों से इन उम्मीदवारों पर जताया भरोसा
1. बारामूला - मीर इकबाल
2. बंदीपोरा - निजामुद्दीन भट्ट
3. अखनूर - अशोक भगत
4. छंब - पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद
5. सुचेतगढ़ (SC) - भूषण डोगरा
J&K में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन किया है। राज्य में कुल 114 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन चुनाव केवल 90 सीटों पर ही होंगे, क्योंकि 24 सीटें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आती हैं और इन पर चुनाव नहीं होते। गठबंधन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में प्रभावी राजनीतिक गठजोड़ बनाना है, ताकि वे एक मजबूत चुनावी प्रदर्शन कर सकें। डिलीमिटेशन के बाद विधानसभा सीटों का पुनर्गठन हुआ है, जिससे चुनावी गणित में भी बदलाव आया है। दोनों दल मिलकर राज्य में भाजपा और अन्य पार्टियों के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
J&K में10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद 10 सालों में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। यह चुनाव तीन चरणों में होंगे:
* पहला चरण: 18 सितंबर 2024
* दूसरा चरण: 25 सितंबर 2024
* तीसरा चरण: 1 अक्टूबर 2024
चुनाव परिणाम पहले 4 अक्टूबर को घोषित होने वाले थे, लेकिन चुनाव आयोग ने तारीख में बदलाव कर अब परिणाम 8 अक्टूबर 2024 को जारी करने का फैसला किया है। यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन और अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने की संभावना हैं।