केशव नगर संघ कार्यालय के नजदीक रेलवे क्रॉसिंग लाइन किनारे कबाड़ की अवैध रूप से निर्मित झुग्गी झोपड़ियों में मंगलवार (२ अप्रेल) सुबह अचानक भयानक आग लग गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना करके बताया कि हादसे में किसी की जान नहीं गई हैं।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के केशव नगर संघ कार्यालय के सामने स्थित रेलवे क्रॉसिंग लाइन के किनारे कबाड़ की अवैध रूप से निर्मित झुग्गी झोपड़ियों में मंगलवार सुबह अचानक भयंकर आग लग गई। आग ने एक के बाद एक सभी झोपड़ियां को अपने आगोस में ले लिया। झोपड़ियों में रखा कबाड़ और प्लास्टिक पूरी तरह जलकर रख हो गया। आसपास के लोगों ने हादसे की सूचना फायर ब्रिगेड और पुलिस को दी।
मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की 10 गाड़ियां
Subkuz.com को मिली जानकारी के मुताबिक आग काफी भयंकर तरीके से लगी हुई थी. सूचना के बाद आग बुझाने के लिए अलग-अलग फायर स्टेशनों से तककरीब 10 गाड़ियां मौका वारदात पर पहुंची और आग को बुझाने का प्रयास करने आग गई। पुलिस ने बताया कि आग की चपेट में आने अवैध रूप से निर्मित झोपड़ियां और उनमे रखा प्लास्टिक का कबाड़ पूरी तरह जलकर राख हो गया। बताया कि इस अग्निकांड में अब तक एक दर्जन से ज्यादा झोपड़ियां जलकर खाक हो चुकी हैं। लेकिन शुक्र है की इस भीषण आग से की भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई हैं।
खाना बनाते समय लगी थी आग
जानकारी के अनुसार केशव नगर में संघ कार्यालय के सामने रेलवे क्रॉसिंग लाइन किनारे कबाड़ बीनने या चुगने वालों ने अपनी 35 से 40 अवैध झुग्गी झोपड़ियां बना रखी हैं। जिसमें वह खुद रहते हैं और उसमें कबाड़ भी एकत्रित करके रखते है। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह खाना पकाने के दौरान एक दम से एक झोपड़ी में झटपट आग लग गई. आग इतनी भयंकर थी की उसने अपने आस-पास की कई झोपड़ियों को भी अपनी चपेट में ले लिया।
बताया कि आग को देखकर झोपडी में रहने वाले लोग चीख-पुकार करने लग गए। उनकी आवाज सुनकर आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई. स्थानीय लोगों ने इस हादसे की सूचना रायपुरवा पुलिस को दी गई. पुलिस की सूचना पर फजलगंज, मीरपुर, लाटूश रोड, किदवई नगर, कर्नलगंज आदि फायर स्टेशनों से तककरीब 10 गाड़ियां मौका वारदात पर पहुंची और आग बुझाना भरपूर प्रयास करना शुरू किया। जानकारी के मुताबिक इससे पहले भी यहां पर आग लग चुकी है लेकिन पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण दिनों दिन अवैध रूप से बस्ती लगातार बसती चली गई।