पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (WBCM) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सूत्रों के अनुसार, यदि घोष अगले 72 घंटों के भीतर इस नोटिस का कोई जवाब नहीं देते हैं, तो उनका मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।
West Bengal: पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (WBCM) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अगर घोष अगले 72 घंटों में नोटिस का जवाब नहीं देते हैं, तो उनका मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।
इससे पहले, राज्य स्वास्थ्य विभाग ने भी संदीप घोष को उनके खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही के आधार पर राज्य चिकित्सा सेवाओं से निलंबित करने की घोषणा की थी। वर्तमान में, घोष केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की हिरासत में हैं, जिसके पीछे उनके कथित संबंधों की जांच की जा रही है। 28 अगस्त को, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी घोष को एसोसिएशन से निलंबित करने की घोषणा की थी।
निलंबित किए नोटिस में कार्रवाई की मांग
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा जारी किए गए निलंबन नोटिस में यह बताया गया कि पश्चिम बंगाल शाखा और अन्य डॉक्टरों के संघों ने संदीप घोष के खिलाफ उनके द्वारा पेशे में लाए गए "अपमान की प्रकृति" का हवाला देते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
इसके बाद, वेस्ट बंगाल ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (WBOA) ने 3 सितंबर को घोष की सदस्यता समाप्त करने की घोषणा की। घोष पर वित्तीय अनियमितताओं के मामले में भी आरोप लगे हैं, और उनकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा की जा रही है।
सोमवार को होगी अगली सुनवाई
राज्य में कनिष्ठ और वरिष्ठ डॉक्टरों सहित चिकित्सा बिरादरी के सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपों के बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अब उन दोनों मामलों के बीच संबंधों का पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिसमें आरोप है कि पीड़िता को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के बारे में पता चलने के बाद एक भयावह अंत का सामना करना पड़ा।
इस संदर्भ में, बलात्कार और हत्या के मामले में एक महत्वपूर्ण सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होनी है, जहां सीबीआई को मामले की जांच पर अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस सुनवाई के दौरान यह देखा जाएगा कि सीबीआई ने अब तक जांच में क्या प्रगति की है और आरोपों की सच्चाई किस हद तक सामने आई है।