पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ने सात चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है। इन सात नेताओं में कोई तो पहली बार और कोई तीसरी बार चुनाव लड़ने के लिए रण में उतरे हैं।
चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल ने बैसाखी के पावन त्यौहार के मौके पर पंजाब में सात सीटों पर अपने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा हैं। पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने धुरंदर नेताओं पर दांव खेला है। इन सभी नेताओं में कोई तो पहली बार देखने को मिलेगा तो कोई तीसरी बार चुनाव लड़ेगा। बादल ने आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट पर एक बार फिर से प्रो.प्रेम कुमार सिंह चंदूमाजरा पर भरोसा जताया हैं।
पार्टी ने इन नेताओं पर जताया भरोसा
जानकारी के मुताबिक पार्टी ने गुरदासपुर से डॉ. दलजीत कुमार सिंह चीमा, श्री आनंदपुर साहिब से प्रोफेसर प्रेम कुमार सिंह चंदूमाजरा, पटियाला से श्री एन कुमार शर्मा, अमृतसर से अनिल कुमार जोशी, फतेहगढ़ से एस बिक्रमजीत कुमार सिंह खालसा, फरीदकोट से एस राजविंदर कुमार सिंह और संगरूर से एस इकबाल सिंह झूंदा को चुनावी मैदान में उम्मीदवार बनाकर उतारा हैं।
बिक्रमजीत सिंह ने 2007 में कांग्रेस उम्मीदवार को हराया
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार खन्ना से पूर्व विधायक व मुख्य संसदीय सचिव रहे बिक्रमजीत कुमार सिंह खालसा को शिरोमणि अकाली दल ने फतेहगढ़ साहिब से उम्मीदवार बनाकर चुनावी रण में उतारा है। खालसा अकाली दल के पूर्व नेता और जत्थेदार गुरचरण कुमार सिंह टोहड़ा के बहुत करीबी रहने वाले स्व. बसन्त लाल सिंह खालसा के बेटे हैं। साल 2007 के विधानसभा चुनाव में खालसा ने खन्ना से पंजाब कांग्रेस के तत्कालीन प्रधान शमशेर सिंह दूलो को धूल चटाई थी।
चंदूमाजरा पर पार्टी को यकीन
अकाली दल बादल ने आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट पर एक बार फिर से प्रो.प्रेम कुमार सिंह चंदूमाजरा पर भरोसा दिखाया है। प्रो.चंदूमाजरा लगातार साल 2014, साल 2019 और अब तीसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। प्रो.चंदूमाजरा ने साल 2014 में कांग्रेस की दिग्गज नेत्री अंबिका कुमारी सोनी को परास्त कर सांसद बने थे। दूसरी बार साल 2019 में इसी सीट से कांग्रेस के दिग्गज मनीष कुमार तिवारी ने उन्हें कड़ी टक्कर देकर पराजीत कर दिया था।
पहली बार उतरे पूर्व विधायक झुंदा
अकाली दल के साथ अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले इकबाल सिंह झूंदा को पहली बार चुनावी रण मैदान में उतारा गया है। सूत्रों ने बताया कि इनसे पहले अकाली दल में विलय करने वाले परमिंदर कुमार सिंह ढींडसा को पार्टी चुनावी टिकट देकर मैदान में उतारने वाली थी. लेकिन पार्टी ने दो बार विधायक रह चुके झूंदा पर अपना ज्यादा भरोसा दिखाया हैं।
साल 2012 के चुनाव में झूंदा ने अमरगढ़ से चुनाव लड़ा, जिसमे उन्होंने जीत पक्की की। 2017 के चुनावों में अमरगढ़ से झूंदा को कांग्रेस के सुरजीत कुमार सिंह धीमान और साल 2022 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। अब अकाली दल ने झूंदा पर यकीन जताकर टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा हैI