मध्य प्रदेश: मैडिकल प्रैक्टिस के लिए आयुष छात्रों को देनी होगी राष्ट्रीय निकास परीक्षा, NCISM ने दिए निर्देश
नेशनल कमीशन फार इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआइएसएम) के सचिव प्रभारी बीपी मेहरा ने आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और आयुष महाविद्यालयों के डीन, प्राचार्यों को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और आयुष के छात्रों को मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए राष्ट्रीय निकास परीक्षा (National Exit Test) पास करनी पड़ेगी।
कौन कर सकता है परीक्षा के लिए आवेदन?
Subkuz.com को प्राप्त जानकारी के अनुसार NCISM के सचिव प्रभारी बीपी मेहरा ने कहां कि चिकित्सा व्यवसायी के रूप में अभ्यास करने के लिए लाइसेंस देने और भारतीय चिकित्सा प्रणाली के एक पंजीकृत चिकित्सक के रूप में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नामांकन के लिए राष्ट्रीय निकास परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में वह छात्र शामिल होगा, जिसका यूजी की डिग्री का अंतिम वर्ष हो या छात्र ने न्यूनतम 270 दिन की इंटर्नशिप कर ली हो।
नेशनल कमीशन फार इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन ने बताया कि आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और आयुष के स्नातक के छात्र जिसने एक वर्ष की अनिवार्य इंटर्नशिप पूरी कर ली हो और ऐसे विदेशी नागरिक जिनकी चिकित्सा योग्यता अधिनियम की धारा के तहत मान्यता प्राप्त छात्र इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय निकास परीक्षा (National Exit Test) साल में दो बार फरवरी और अगस्त में आयोजित की जाएगी। परीक्षा में शामिल होने के लिए के लिए मेडिकल डिग्री में 50 प्रतिशत अंक लाना जरूरी हैं।
राष्ट्रीय निकास परीक्षा पास किए बिना नहीं होगा रजिस्ट्रेशन
NCISM के सचिव प्रभारी बीपी मेहरा ने बताया कि राष्ट्रीय निकास परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी में स्नातक, बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी, बैचलर ऑफ सिद्ध मेडिसिन एंड सर्जरी और बैचलर ऑफ सोवा रिग्पा (आयुष) मेडिसिन एंड सर्जरी के छात्र राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर रजिस्टर में नामांकन के लिए पात्र नहीं होंगे।