महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई हलचल मच गई है। सीएम पद पर सहमति बनने के बाद, गृह विभाग को लेकर महायुति में विवाद अभी भी जारी है। शिवसेना ने बार-बार अपनी ओर से स्पष्ट किया है कि उसे गृह विभाग चाहिए, लेकिन भाजपा इसे अपने पास रखना चाहती है। इस बीच, शिवसेना नेता ने इस मुद्दे पर एक बड़ा दावा किया है।
Maharashtra: महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो चुका है। देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन इसके बावजूद गृह विभाग को लेकर महायुति में विवाद खत्म नहीं हुआ है। सीएम पद पर एकमत होने के बाद अब गृह विभाग की बारी आई है, जिसको लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं।
शिवसेना की गृह विभाग पर मजबूत पकड़ की मांग
शिवसेना ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि पार्टी गृह विभाग के लिए अड़ी हुई है। शिवसेना नेता भरत गोगावले ने कहा कि महायुति के तीनों सहयोगी पार्टियां विभागों के आवंटन के मुद्दे पर बातचीत कर रही हैं, लेकिन शिवसेना की स्पष्ट मांग है कि गृह विभाग उसे दिया जाए। गोगावले ने यह भी कहा कि यह मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से की गई थी।
पिछली सरकार जैसी व्यवस्था की इच्छा
गोगावले ने बताया कि जब फडणवीस उपमुख्यमंत्री थे, तो उनके पास गृह विभाग भी था, और अब शिवसेना इसी व्यवस्था की मांग कर रही है। यह बातचीत अभी भी चल रही है। गोगावले ने कहा कि उम्मीद है कि अगले दो दिनों में विभागों के आवंटन पर सहमति बन जाएगी।
एकनाथ शिंदे का डिप्टी सीएम बनने से इन्कार
रिपोर्ट्स के अनुसार, एकनाथ शिंदे पहले उपमुख्यमंत्री बनने को लेकर तैयार नहीं थे, लेकिन शिवसेना नेताओं ने उन्हें इस पद के लिए मना लिया। हालांकि, वह गृह विभाग को लेकर अड़े हुए हैं, क्योंकि यह विभाग राज्य पुलिस से जुड़ा हुआ है।
महायुति सरकार का गठन
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.), शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) द्वारा गठित महायुति ने पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज की। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने 12 दिन बाद चुनाव नतीजों के बाद गुरुवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पवार के साथ मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।