महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति (भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन) ने शानदार जीत हासिल की है, लेकिन मुख्यमंत्री के पद को लेकर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है। महायुति के अंदर इस पद को लेकर चर्चा और कवायद जारी है, क्योंकि दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए प्रतिस्पर्धा हैं।
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों से यह संकेत मिल रहे हैं कि महायुति (बीजेपी और शिवसेना गठबंधन) में इस सवाल का जवाब जल्द मिल सकता है। मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिससे मुख्यमंत्री पद के लिए अटकलें और बढ़ गईं।
बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि महाराष्ट्र में बिहार मॉडल को दोहराने का कोई सवाल नहीं है, जिसमें दोनों पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री पद को साझा किया जाता है। इस बयान से यह साफ हो रहा है कि बीजेपी अब मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है और शिंदे के इस्तीफे के बाद पार्टी ने अपने दावेदार को लेकर कोई न कोई दिशा तय करने की योजना बनाई हैं।
१. बिहार वाला फार्मूला
भा.ज.पा. के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर बिहार के मॉडल को दोहराने का कोई सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा चुनाव से पहले की गई थी, जबकि महाराष्ट्र मेंशिवसेना के साथ ऐसी कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई गई थी।
शुक्ला ने यह भी कहा कि बिहार में भाजपा ने जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन किया था ताकि राज्य में अपनी पैठ मजबूत की जा सके, लेकिन महाराष्ट्र में भाजपा का संगठनात्मक आधार और नेतृत्व मजबूत है, इसलिए वहां इस तरह की साझा मुख्यमंत्री पद की कोई आवश्यकता नहीं हैं।
२. रावसाहेब दानवे ने दावा
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के चुनाव समन्वयक रावसाहेब दानवे ने शिवसेना के कुछ नेताओं के दावों को खारिज कर दिया, जिसमें यह कहा जा रहा था कि चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद का वादा किया गया था। दानवे ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है और दोनों पार्टियों ने पहले ही अपने-अपने विधायक दल के नेता नियुक्त कर दिए हैं। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा जल्द ही अपने मुख्यमंत्री पद के लिए एक नेता का चयन करेगी।
३. रामदास अठावले का समर्थन
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने नई दिल्ली में बयान दिया कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है, हालांकि पार्टी ने इसकी औपचारिक पुष्टि नहीं की है। अठावले का यह बयान महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही सियासी हलचल के बीच आया।
हालांकि, एक भाजपा नेता ने नाम न बताने की शर्त पर यह कहा कि जब तक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा पूरी तरह से तय नहीं हो जाता, पार्टी मुख्यमंत्री उम्मीदवार की औपचारिक घोषणा में जल्दबाजी नहीं करेगी।
४. अध्यक्ष सुनील तटकरे का बयान
एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे ने इंडिया टुडे टीवी से बातचीत में कहा कि अजित पवार को मुख्यमंत्री बनना चाहिए, लेकिन साथ ही उन्होंने पार्टी की "व्यावहारिक सीमाओं" को स्वीकार किया। तटकरे ने कहा कि एनसीपी को "दिवास्वप्न" नहीं देखना चाहिए और हकीकत को समझते हुए अपने फैसले लेने चाहिए। तटकरे ने यह भी कहा कि महायुति (भाजपा, शिवसेना और एनसीपी का गठबंधन) अगले एक या दो दिन में मुख्यमंत्री पद पर अपना निर्णय ले लेगी।
५. महाराष्ट्र की जनता क्या कहती हैं
भाजपा महाराष्ट्र प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "वे अभी तक इस सदमे में हैं कि क्या हुआ है। जब वे हारते हैं, तो हमेशा ईवीएम को दोष देते हैं। उन्हें अपनी स्थिति का आकलन करना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "हमने हर बूथ पर मेहनत की है, और अब महाराष्ट्र की जनता सच्चाई और महायुति के साथ है। जनता ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को पूरी तरह नकार दिया हैं।"