Manipur Violence: केंद्र सरकार का अहम निर्णय, मणिपुर में तैनात की जाएंगी CAPF की 50 अतिरिक्त कंपनियां

Manipur Violence: केंद्र सरकार का अहम निर्णय, मणिपुर में तैनात की जाएंगी CAPF की 50 अतिरिक्त कंपनियां
Last Updated: 18 नवंबर 2024

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को शाम 6 बजे एनडीए के मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलाई है। बैठक का उद्देश्य राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करना बताया गया है।

Manipur Violence: मणिपुर, भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य, एक बार फिर हिंसा की चपेट में है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को शाम 6 बजे एनडीए के मंत्रियों और विधायकों की एक अहम बैठक बुलाई है। अधिकारियों के मुताबिक, इस बैठक का उद्देश्य राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करना है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब एनपीपी के सात विधायकों ने बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। एनपीपी का आरोप है कि मणिपुर की बीरेन सिंह सरकार राज्य में बढ़ती समस्याओं को हल करने में असफल रही है।

बीजेपी को नहीं होगा असर

हालांकि, एनपीपी द्वारा समर्थन वापस लेने का बीजेपी पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि बीजेपी के पास 32 विधायकों के साथ बहुमत है। इसके अतिरिक्त, एन बीरेन सिंह की सरकार को नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और जेडीयू के छह विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

मुख्यमंत्री ने की हिंसा से बचने की अपील

मुख्यमंत्री के सचिव निंगथौजम ज्योफ्रे ने मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (COCOMI) को लिखे एक पत्र में इंफाल घाटी के शक्तिशाली निकाय से आग्रह किया कि वह इस महत्वपूर्ण मोड़ पर हिंसक आंदोलन से बचे।

COCOMI द्वारा सरकारी ऑफिस बंद रखने का आह्वान

COCOMI ने पहले ही केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कुकी-हमार उग्रवादियों द्वारा हमलों और हत्याओं से लोगों की सुरक्षा में विफल रहने के कारण, केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध के तौर पर सभी सरकारी ऑफिस बंद रखने का आह्वान किया।

जिरीबाम में हिंसक झड़प

इस बीच, पुलिस ने बताया कि जिरीबाम जिले में भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के दौरान गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। पुलिस ने पुष्टि की कि गोलीबारी में एक व्यक्ति की जान गई, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि गोली किसने चलाई। चश्मदीदों के मुताबिक, गोलीबारी सुरक्षा बलों की ओर से की गई थी। यह घटना रविवार रात को हुई, जब उग्रवादियों द्वारा अपहृत महिलाओं और बच्चों की हत्या के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने जिरीबाम पुलिस स्टेशन के पास संपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया।

प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़फोड़

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने कांग्रेस और बीजेपी के ऑफिसों और जिरीबाम के निर्दलीय विधायक के घर में तोड़फोड़ की। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने इन इमारतों से फर्नीचर, कागज और अन्य चीजें बाहर निकालकर उन पर आग लगा दी।

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