राजनीतिक पार्टी कांग्रेस अपने खोए हुए जनाधार को फिर से मजबूत करने के लिए नए दांव चल रही है। 2024 के लोकसभा चुनावों में 99 सीटों तक पहुंचने के बाद कांग्रेस को वापसी की उम्मीदें जगी थीं।
नई दिल्ली: देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस अपने खोए हुए जनाधार को फिर से मजबूत करने के लिए नए दांव चल रही है। 2024 के लोकसभा चुनावों में 99 सीटों तक पहुंचने के बाद जहां कांग्रेस को वापसी की उम्मीदें जगी थीं, वहीं हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली के चुनावी नतीजों ने इन उम्मीदों को झटका दिया। अब कांग्रेस अपनी जड़ें फिर से जमाने के लिए संगठनात्मक बदलावों और सशक्त रणनीतियों पर जोर दे रही हैं।
बिहार में दलित नेतृत्व पर फोकस
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव किया है। भूमिहार समाज से आने वाले अखिलेश प्रसाद सिंह की जगह अब दलित नेता राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह बदलाव कांग्रेस के दलित वोटरों पर फोकस के अनुरूप है। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस अब पिछड़े और वंचित वर्गों को अपने पक्ष में लाने की रणनीति बना रही हैं।
दिल्ली में तीन बैचों में 700 जिला अध्यक्षों की बैठक
कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए 27-28 मार्च और 3 अप्रैल को दिल्ली में देशभर के 700 जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) अध्यक्षों की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक को तीन अलग-अलग समूहों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें कांग्रेस संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा होगी।बैठक में तय किया गया कि कांग्रेस संगठन के इस नए मॉडल को पहले गुजरात में लागू किया जाएगा, जहां 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। गुजरात में इसे 'पायलट प्रोजेक्ट' के रूप में आजमाया जाएगा और इसकी सफलता के आधार पर इसे अन्य राज्यों में लागू किया जाएगा।
प्रियंका गांधी की बढ़ी भूमिका
प्रियंका गांधी वाड्रा ने संगठन को मजबूत करने की इस योजना में सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने बूथ कमेटियों और जिला कांग्रेस को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक इस पूरी योजना के प्रभारी होंगे, जिसमें प्रियंका गांधी भी प्रमुख सदस्य हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि 8 अप्रैल को अहमदाबाद में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होगी, जबकि 9 अप्रैल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) का सत्र आयोजित किया जाएगा। इस बैठक में 2025 को 'संगठन सृजन वर्ष' घोषित करने और कांग्रेस संगठन को जमीनी स्तर पर पुनर्जीवित करने की रणनीति पर चर्चा होगी।
क्या कांग्रेस वापसी कर पाएगी?
कांग्रेस ने अपनी 'नव सत्याग्रह बैठक' में 2025 को 'संगठन सृजन वर्ष' के रूप में मनाने का फैसला किया था। इस योजना के तहत जिला कांग्रेस अध्यक्षों को अधिक शक्तियां दी जाएंगी, जिससे वे पार्टी के लिए मजबूत उम्मीदवारों का चयन कर सकें और कांग्रेस की जमीनी पकड़ को मजबूत कर सकें। बिहार और गुजरात में नए प्रयोगों के साथ कांग्रेस अपने संगठन को दोबारा मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। हालांकि, उसकी असली परीक्षा आगामी विधानसभा चुनावों में होगी, जहां यह साफ होगा कि उसकी नई रणनीतियां कितनी प्रभावी साबित होती हैं।