Meerut: आंबेडकर विवाद की आंच मेरठ तक पहुंची, डीएम ऑफिस के सामने सपा-कांग्रेस का प्रदर्शन, जानिए क्या है विपक्ष की मांग?

Meerut: आंबेडकर विवाद की आंच मेरठ तक पहुंची, डीएम ऑफिस के सामने सपा-कांग्रेस का प्रदर्शन, जानिए क्या है विपक्ष की मांग?
Last Updated: 19 दिसंबर 2024

सपा और कांग्रेस ने राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी का विरोध करते हुए मेरठ में प्रदर्शन किया। सपा ने कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकालकर इस्तीफे की मांग की, जबकि कांग्रेस ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर नारेबाजी की। उन्होंने बाबा साहब आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा।

UP News: गुरुवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी के विरोध में सपा और कांग्रेस ने मोर्चा खोला। सपा कार्यकर्ताओं ने कमिश्नरी से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला और अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के गेट बंद करके प्रदर्शन किया। उन्होंने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के साथ-साथ कांग्रेस की 18 दिसंबर को विधानसभा के प्रदर्शन को रोकने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नजरबंद किए जाने का भी विरोध किया और प्रधानमंत्री मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की।

DM ऑफिस के सामने प्रदर्शन

विपक्षी राजनीतिक संगठनों के विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन और पुलिस गुरुवार से ही सतर्क हो गए। कमिश्नरी चौराहे पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और अधिकारी तैनात थे। लगभग 12:00 बजे सपा जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की फोटो लेकर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला। कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया।

सपा के पक्ष में वक्तव्य

सपा जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी ने कहा, "केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बाबा साहब का अपमान किया है। उन्होंने भारत के संविधान निर्माता, पिछड़ों और दलितों के मसीहा और भारत रत्न के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी की है। समाजवादी पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।" उन्होंने अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपा। उन्होंने मांग की कि अमित शाह को गृहमंत्री के पद से बर्खास्त किया जाए।

क्या है विपक्ष की मांगें?

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कार्यवाहक जिला अध्यक्ष अवनीश काजला और महानगर कार्यवाहक अध्यक्ष जाहिद अंसारी के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय के गेट बंद करके उसपर कब्जा कर लिया और जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तस्वीरें लिए हुए थे। जिला अध्यक्ष अवनीश काजला ने कहा, "भाजपा ने बाबा साहब का अपमान किया है। इसके लिए अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों को इस्तीफा देना चाहिए।"

घेराव और पुलिस कार्रवाई

कांग्रेस द्वारा प्रदेश में किसानों, युवाओं, स्वास्थ्य सेवाओं, कानून व्यवस्था और अन्य जनहित के मुद्दों को लेकर 18 दिसंबर को विधानसभा घेराव की घोषणा की गई थी। लेकिन प्रदेश सरकार ने पुलिस की मदद से कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अपने-अपने जिले में ही रोक लिया और उन्हें हाउस अरेस्ट कर दिया। लखनऊ पुलिस के उत्पीड़न से एक युवा कार्यकर्ता प्रभात पांडे की दुखद मृत्यु हो गई। कांग्रेस ने इस उत्पीड़न और कार्यकर्ता की मृत्यु की घटना की निष्पक्ष जांच और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारेबाजी की और उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में कार्यकर्ता की मृत्यु की घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान सलीम खान, यासिर सैफी, नईम राणा, मुस्तकीम सिवाल, मदन सिंह, हाजी फारूक, विनोद शर्मा, दीन मोहम्मद, इकरामुद्दीन आदि नेता भी उपस्थित रहे।

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