Himachal News: 'मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना', अनाथ बच्चों के लिए बनी सहारा, मिल रहे इतने रूपये

Himachal News: 'मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना', अनाथ बच्चों के लिए बनी सहारा, मिल रहे इतने रूपये
Last Updated: 17 मार्च 2024

Himachal News: 'मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना', अनाथ बच्चों के लिए बनी सहारा, मिल रहे इतने रूपये 

हिमाचल प्रदेश में "मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना" अनाथ बच्चों के जीवन का सहारा बनी हुई है। इस योजना में हर महीने एक बच्चे पर खर्च करने के लिए चार हजार रुपये मिल रहे है. इस योजना को चार प्रमुख घटकों के आधार पर चलाया जा रहा है. पहले घटक में 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने से पूर्व बेसहारा हुए बच्चों को कानून के तहत विवाह करने पर 2 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करवाई जा रही हैं। 

मंडी: हिमाचल प्रदेश में "मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना" चौंतड़ा ब्लॉक में 33 बेघर एवं बेसहारा बच्चों के जीवन का आधार बनी है. इस योजना  माध्यम से सरकार 18 साल से 27 वर्ष की आयु वर्ग अनाथ बच्चों को हर माह चार हजार रूपये जीवन यापन करने के लिए प्रदान कर रही है. Subkuz.com की जानकारी के अनुसार सरकार इस योजना में अतिरिक्त उच्च शिक्षा, व्यावसायिक और कौशल शिक्षा लेने के लिए होने वाला सारा खर्च सरकार वहां का रही हैं. इसके साथ ही कानूनी तौर पर शादी करने पर दो लाख रूपये दिए जाएंगे।

बाल विकास योजना पर खर्च

जानकारी के अनुसार बाल विकास योजना अधिकारी ने Subkuz.com को बताया कि चौंतड़ा क्षेत्र में अब तक सभी बच्चों को 16-सोलह हजार रूपये की चार माह की किश्त उपलब्ध करवा दी है. उच्च शिक्षा बीएससी नर्सिंग, प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा, होटल मैनेजमेंट, और स्नातक शास्त्री शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों के बारे में सरकार की सुचना प्रेषित कर दी गई हैं।

बताया कि सरकार द्वारा इन सभी बच्चों का आने-जाने किराया, फीस और रहने-खाने का खर्च  भी सरकार ही वहन करेगी। इनकी शिक्षा पूरी होने के बाद कानूनी तौर पर शादी करने वाले अनाथ बच्चे को 3 लाख रुपये और अपना कोई भी रोजगार शुरू करने के लिए 2 लाख रुपये की सरकारी तौर पर आर्थिक मदद दी जाएगी।

चार घटकों के आधार पर चलाई जा रही है योजना

जानकारी के अनुसार 'मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना' के प्रथम घटक के आधार पर 18 वर्ष की आयु से पूर्व बेघर हुए बच्चों को कानून के तहत विवाह करने पर 2 लाख रुपये जीवन यापन के लिए दिए जा रहे है. द्वितीय घटक के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत सीसीआई संस्थानों में निवास करने वाले सभी बच्चों के आवर्ती जमा खाते ओपन किए गए हैं ताकि बच्चे जरूरत के अनुसार पैसे निकाल और जमा कर सकें।

बताया कि तृतीय घटक के अनुसार 27 वर्ष की आयु से पूर्व परिवार का सहारा नहीं मिल रहा ऐसे व्यक्ति को सरकार खुद मकान बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी और मकान निर्माण के लिए 'मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना' के माध्यम से तीन लाख रुपये प्रदान किए जा रहे है. चतुर्थ घटक में उच्च, व्यावसायिक कौशल शिक्षा ग्रहण करने वाले बेघर एवं बीना मां के बच्चों का संपूर्ण खर्च प्रदेश सरकार उठा रही है. प्रति व्यक्ति हर माह चार हजार रुपये जेब खर्ची के लिए भी दिए जा रहे हैं।

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