नादिर शाह हत्याकांड: लॉरेंस बिश्नोई पर हुआ सुपारी देने का शक, इस मामले को 13 दिन बाद भी नहीं उलझा पाई दिल्ली पुलिस, जानें...

नादिर शाह हत्याकांड: लॉरेंस बिश्नोई पर हुआ सुपारी देने का शक, इस मामले को 13 दिन बाद भी नहीं उलझा पाई दिल्ली पुलिस, जानें...
Last Updated: 23 घंटा पहले

 

नादिर शाह हत्याकांड में स्पेशल सेल की जांच में अब तक ठोस नतीजा नहीं निकल पाया हैं। कई गैंगस्टरों के नाम सामने आने से मामला उलझ गया हैं। पुलिस को शक है कि यह हत्या रंगदारी के बजाय काले धंधों की व्यावसायिक दुश्मनी से जुड़ी हो सकती हैं।

new-delhi : राजधानी के प्रतिष्ठित क्षेत्र ग्रेटर कैलाश-वन में जिम संचालक नादिर शाह की हत्या को 13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन स्पेशल सेल अब तक इस मामले में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई हैं। उनकी हत्या का असली कारण क्या था? और इसे किसने अंजाम दिया, यह अभी भी एक रहस्य बना हुआ हैं हत्या के पीछे कई गैंगस्टरों के नाम सामने आने से स्पेशल सेल की स्थिति जटिल हो गई हैं।

IPS की मदद से फेला काला धंधा

विशेष सेल को यह संदेह है कि नादिर की हत्या रंगदारी वसूली के कारण नहीं, बल्कि काले कारोबार की व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा के चलते की गई। कुणाल छाबड़ा और अनूप जुनेजा, जिन पर पुलिस को शक हैं  कुछ सालों पहले तक, दिल्ली पुलिस में तैनात कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की शह पर दोनों का काला धंधा एनसीआर में सफलतापूर्वक चल रहा था। किसी ने विवादित संपत्ति पर कब्जा दिलाने और कॉल सेंटर चलाने जैसे अवैध धंधों में इन दोनों की सहायता की, जबकि कुछ लोगों ने इन्हें सरकारी पीएसओ भी उपलब्ध कराया। अपराधियों की रात की रंगीन पार्टियों में आईपीएस और पुलिस अधिकारी भी शामिल होते थे।

पुलिस ने दुबई में की सुरक्षित ठिकानों की तलाश

पुलिस और अपराधियों के बीच गठजोड़ के कारण एनसीआर क्षेत्र में कुछ समय पहले तक इनका काफी प्रभाव था। लेकिन जब पसंदीदा अधिकारीयों  का  सेवानिवृत्त हो गया , तब पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई करनी शुरू की। इसके परिणामस्वरूप, अपराधियों ने देश छोड़कर दुबई  में सुरक्षित ठिकाने की तलाशा की। एडिशनल पुलिस कमिश्नर स्पेशल सेल प्रमोद सिंह कुशवाहा ने कहा है कि जांच के दौरान दोनों व्यक्तियों के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं। वर्तमान में शक के आधार पर उनकी पूछताछ और जांच जारी हैं। कुणाल छाबड़ा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछताछ की गई हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है, लेकिन अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची हैं।

गैंगस्टर हाशिम बाबा को लिया रिमांड पर

अनूप जुनेजा से पुलिस अभी तक संपर्क स्थापित नहीं कर पाई हैं। यमुनापार के गैंगस्टर हाशिम बाबा को मंडोली जेल से पूछताछ के लिए सात दिन की रिमांड पर लिया गया हैं। इसके बाद, लॉरेंस को साबरमती जेल से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। कुशवाहा का कहना है कि नादिर हत्याकांड का असली सच लॉरेंस के माध्यम  जानने की उम्मीद हैं स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस की टीम, जिसमें डीसीपी मनीषी चंद्रा और प्रतीक्षा गोदारा शामिल हैं, इस मामले की जांच में पूरी तरह से की जा रही हैं। उन्हें उस आईपीएस के बारे में भी जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा गया है, जिनका इन अपराधियों के साथ करीबी संबंध हैं।

अनूप जुनेजा और कुणाल छाबड़ा के काले धंधों का हुआ खुलासा

विशेष सेल के वरिष् अधिकारी ने बताया कि अनूप जुनेजा और कुणाल छाबड़ा का दिल्ली में अवैध कॉल सेंटर, विवादास्पद संपत्ति पर कब्जा, हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट, ड्रग्स, सट्टा और दुबई से सोने की तस्करी जैसे धंधों में लिप्त थे। इसके बाद, नादिर ने भी इन दोनों के साथ मिलकर इन धंधों को देखने लग गया और आगे चलकर इनका बिजनेस पार्टनर भी बन गया। समय के साथ, जब पुलिस का दबाव बढ़ा, अनूप जुनेजा और कुणाल छाबड़ा दुबई भाग गए। इसके बाद नादिर ने मर्जी का मालिक बनकर धंधा संभाल लिया। उसने दक्षिण जिले के गैंगस्टरों रवि गंगवार और रोहित चौधरी से नजदीकी बढ़ा ली, जिससे जुनेजा और छाबड़ा में चिंता बढ़ गई।

दुबई में होटल और बार चलाते हैं नादिर

नादिर, छाबड़ा और जुनेजा की साझेदारी में दुबई में कई होटल और बार होने की जानकारी प्राप्त हुई है। ऐसा माना जाता है कि जब बिजनेस के संबंध में विवाद उत्पन्न हुआ, तब लॉरेंस को नादिर शाह की हत्या की सुपारी दी गई। इस मामले में हाशिम ने जेल से बाहर अपने पुराने गुरु साबिर पहलवान और अनवर चाचा की मदद से शूटरों का इंतजाम किया। राजस्थान के गैंगस्टर रोहित गोदारा की सहायता भी ली गई। नादिर की हत्या में शामिल हाशिम के दो साथी, मधुर और राजू को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई हैं।

 

 

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