नागपुर हिंसा में माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी नेता फहीम शमीम मास्टरमाइंड निकला। भीड़ ने पुलिस पर हमला किया, महिलाओं से छेड़खानी की, और धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की। पुलिस ने केस दर्ज किया।
Nagpur Violence: नागपुर में हुई हिंसा के मामले में गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। एफआईआर के मुताबिक, इस घटना के मास्टरमाइंड के रूप में माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के शहर अध्यक्ष फहीम शमीम खान का नाम सामने आया है। आरोप है कि 50 से 60 लोगों के समूह को उन्होंने अवैध रूप से पुलिस स्टेशन पर इकट्ठा किया और दंगे को बढ़ावा दिया।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के बाद बवाल
हिंसा की यह घटना विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के बाद भड़की। दोनों संगठनों ने गांधी गेट के पास स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने औरंगजेब की कब्र के खिलाफ नारेबाजी की और औरंगजेब के प्रतीकात्मक पुतले को जलाया। इसके बाद, फहीम शमीम की अगुवाई में भारी भीड़ जमा हो गई।
इस विरोध प्रदर्शन के जवाब में फहीम शमीम के नेतृत्व में कई लोगों ने पुलिस को ज्ञापन सौंपा, जिसके आधार पर 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर नंबर 114/25 भारतीय न्याय संहिता की धारा 223, 37(1), 37(3) और 135 के तहत दर्ज की गई। इसके बावजूद, हिंसा भड़काने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा किए गए।
400-500 लोगों की भीड़ ने दंगे की रची साजिश
प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी देने के बावजूद शाम 4 बजे के करीब 400 से 500 लोगों की भीड़ छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास इकट्ठा हो गई। पुलिस द्वारा सार्वजनिक घोषणा कर भीड़ को हटने और घर लौटने की अपील की गई, लेकिन यह प्रयास विफल रहा।
इस भीड़ के पास कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठियां और अन्य खतरनाक हथियार थे, जिन्हें हवा में लहराकर दहशत फैलाई गई। आरोपियों ने सांप्रदायिक दुश्मनी को भड़काने और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश रची।
पुलिस पर जानलेवा हमला
भीड़ ने भालदारपुरा चौक इलाके में तैनात पुलिस बल पर हमला कर दिया। पुलिसकर्मियों को रोककर उन्हें डराने और पीटने की कोशिश की गई।
- जान से मारने की नियत से पेट्रोल बम फेंके गए
- पत्थरबाजी और लाठी-डंडों से हमला किया गया
- पुलिसकर्मियों को भद्दी गालियां देकर उकसाने की कोशिश हुई
- झूठी अफवाहें फैलाई गईं कि पुलिस ने जानबूझकर एक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई
इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए और उनकी सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया।
अंधेरे का फायदा उठाकर महिला पुलिसकर्मियों से छेड़छाड़
हिंसा के दौरान अराजक तत्वों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार किया। एफआईआर के मुताबिक:
- महिला कांस्टेबल की वर्दी खींची गई
- अश्लील हरकतें करने की कोशिश की गई
- महिला पुलिसकर्मियों को देखकर भद्दे कमेंट और अश्लील इशारे किए गए
- महिलाओं के शरीर को जानबूझकर छूने की कोशिश हुई
इस घटना ने पुलिस प्रशासन को हिला कर रख दिया है और अब दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।