पंजाब में एनआरआई (अनिवासी भारतीय) वोटर्स मतदान करने में जरा भी रुचि नहीं दिखाते हैं। राज्य से विदेशों में जाकर बसे पंजाबियों को अपने गांव और मिट्टी से लगाव है। लेकिन वह चुनाव में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं।
चंडीगढ़: राज्य में एनआरआई मतदाताओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पंजाबी अपनी मिट्टी को छोड़कर कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों में जाकर बस गए है, लेकिन वे लोग मतदान के लिए अपनी लोकप्रियता नहीं दिखाते है। राज्य चुनाव आयोग एनआरआई वोटर्स को मतदान करने के लिए जागरुक अभियान चला रहा है। इसके लिए इंटरनेट मीडिया और मोबाइल पर टाइप मैसेज भेजे जा रहे हैं।
Subkuz.com के पत्रकारों को अधिकारी ने बताया कि राज्य को छोड़कर विदेश में जाकर बसे पंजाबियों को अपने गांव की मिट्टी से बहुत प्यार है। इसी लिए वह लोग मतदान सूची से अपना नाम नहीं कटवाते। लेकिन वे लोग चुनाव में भी दिलचस्पी नहीं दिखाते। हालांकि यह लोग अपने-अपने क्षेत्रों के विकास के लिए वित्तिय सहायता उपलब्ध करवाते और जन कल्याण के मामले में हमेशा आगे रहते हैं।
NRI मतदाताओं में हुई बढ़ोतरी
चुनाव आयोग ने बताया की पंजाब राज्य में पिछले पांच साल में 73 एनआरआई मतदाताओं की बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक 1 मार्च 2024 को जारी की गई मतदाता सूची के अनुसार राज्य में एनआरआई मतदाताओं की कुल संख्या 1587 है और 2019 में 1532 थी। गुरदासपुर जिला में सबसे ज्यादा 442 मतदाता है। उसके बाद खडूर साहिब में 342 है, आनंदपुर साहिब में 278, अमृतसर जिला में 57, जांलधर में 75, होशियरपुर में 135, लुधियाना में 65, फतेहगढ़ साहिब 36, फरीदकोट में 58, फिरोजपुर में 21, बठिंडा में 16 , संगरूर में 36 और पटियाला में भी 36 एनआरआई मतदाता हैं।
कोई खास समय पर आते है एनआरआई
अधिकारी ने बताया कि राज्य की प्रगति और विकास में एनआरआई योगदान देते है. एनआरआई लोगों की मिलनियां भी किसी निश्चित समय पर ही करवाई जाती है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी सिबिन कुमार सी ने कहां कि एनआरआइ की समस्याओं को हल करने और एनआरआइ मतदाता मत ड़ालने पहुंच सके इसके लिए जठर प्रयास किए जा रहे है। सभी मतदातओं को जागरुक करने और मतदान करने के लिए पहुंचे उसके लिए ऑनलाइन स्वीप प्रोग्राम शुरू किए जा रहे है।