PM Modi 74th Birthday: पर्यावरण - तकनीक प्रेमी और फोटोग्राफी के शौक़ीन नरेंद्र मोदी; पीएम की विदेश नीति और ड्रेसिंग सेंस भी हैं चर्चा का विषय

PM Modi 74th Birthday: पर्यावरण - तकनीक प्रेमी और फोटोग्राफी के शौक़ीन नरेंद्र मोदी; पीएम की विदेश नीति और ड्रेसिंग सेंस भी हैं चर्चा का विषय
Last Updated: 2 दिन पहले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज, 17 सितंबर 2024 को 74वां जन्मदिन है। इस विशेष मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भा..पा.) सेवा पखवाड़ा का आयोजन कर रही है, जो समाज सेवा और जनहित की गतिविधियों पर केंद्रित होगा। नरेंद्र मोदी ने इस साल लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है और अपने पिछले दो कार्यकालों में कई ऐतिहासिक फैसले किए हैं। मोदी के जन्मदिन के मौके पर यहां पढ़ें उनके संघर्ष से लेकर कर्तव्यपथ तक के सफर की कहानी, और जानें उनसे जुड़ी कई दिलचस्प बातें जो शायद आपने पहले नहीं सुनी हों।

PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज जन्मदिन है। मोदी आज 74 वर्ष के हो गए हैं। इस विशेष अवसर पर भारतीय जनता पार्टी सेवा पखवाड़ा (17 सितंबर से 02 अक्टूबर) की शुरुआत करेगी। आज़ाद भारत में जन्म लेने वाले पहले प्रधानमंत्री के रूप में उनकी छवि एक ऊर्जावान, समर्पित, दूरदर्शी और दृढ़ निश्चय वाले नेता की है। वह लगातार तीसरी बार केंद्र में पीएम पद का कार्यभार संभाल रहे हैं। नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर यहां जानिए संघर्ष से लेकर कर्त्तव्य पथ तक के उनके सफर और उनसे जुड़ी कई रोचक बातें...

नरेंद्र दामोदर दास मोदी, भारत के 14वें प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने पहली बार 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उनकी अगुआई में भारतीय जनता पार्टी (भा..पा.) ने केंद्र में लगातार दो बार बहुमत के साथ गैर-कांग्रेसी सरकार बनाई और भारतीय राजनीति में एक स्थायी छाप छोड़ी। मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 में 282 सीटें और 2019 में 303 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया।

साल 2024 में, नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन इस बार उनकी सरकार ने एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के सहयोगी दलों के समर्थन से सत्ता संभाली।

पीएम का जन्म से शादी तक का सफर

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में एक गुजराती परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम दामोदर दास मूलचंद मोदी और मां का नाम हीराबेन था।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

- बचपन: नरेंद्र मोदी के पिता एक चाय बेचने वाले थे, और बचपन में नरेंद्र मोदी ने अपने पिता की चाय की दुकान में मदद की। इसके बाद उन्होंने खुद का चाय का स्टॉल भी चलाया।

- शिक्षा: नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा वडनगर से पूरी की।

- भारत भ्रमण: स्कूली शिक्षा के बाद, नरेंद्र मोदी ने घर छोड़ा और पूरे भारत का भ्रमण किया, जिससे उन्हें देश की विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक स्थितियों की जानकारी मिली।

- वैवाहिक जीवन: 1968 में नरेंद्र मोदी की शादी जशोदाबेन से हुई। हालांकि, उनके वैवाहिक जीवन में असहमति के चलते वे दोनों जल्द ही अलग हो गए।

नरेंद्र मोदी का जीवन एक साधारण शुरुआत से उठकर उच्चतम राजनीतिक पद तक पहुंचने की प्रेरणादायक कहानी है, जिसमें संघर्ष, समर्पण और दृढ़ता की झलक मिलती है।

PM की RSS के साथ जुड़ी यात्रा

नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ जुड़ी यात्रा उनकी राजनीतिक जीवन की महत्वपूर्ण कड़ी रही है

- आरएसएस के संपर्क में आना: जब नरेंद्र मोदी आठ साल के थे, तब वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संपर्क में आए। आरएसएस से प्रभावित होकर, उन्होंने 20 साल की उम्र में संगठन के प्रचारक के रूप में कार्य करना शुरू किया।

- भाजपा में शामिल होना: आरएसएस में लंबे समय तक रहने के बाद, नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भा..पा.) में शामिल हो गए और राजनीति में कदम रखा।

- भारतीय सेना में सेवा: बचपन में मोदी की इच्छा भारतीय सेना में सेवा करने की थी, लेकिन उनका जीवन एक अलग दिशा में मोड़ गया और उन्होंने राजनीति को अपना मार्ग बनाया।

- गुजरात के मुख्यमंत्री: 7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। वे इस पद पर लगातार 13 वर्षों तक कार्यरत रहे और अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का संचालन किया।

- केंद्र की राजनीति: 2014 में नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद में कदम रखा और देश के 14वें प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण सुधार और योजनाएं शुरू की, जिनका देश पर गहरा प्रभाव पड़ा।

मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की सफलता

- 2014 लोकसभा चुनाव: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भाजपा ने 543 में से 282 सीटें जीतकर केंद्र में बहुमत की सरकार बनाई। यह चुनाव परिणाम भाजपा के लिए ऐतिहासिक था और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के पद पर विराजित किया गया।

- 2019 लोकसभा चुनाव: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भाजपा ने 543 में से 303 सीटें जीतकर एक बार फिर केंद्र में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई। यह परिणाम मोदी सरकार की कार्यशैली और लोकप्रियता की पुष्टि करता है।

- 2024 लोकसभा चुनाव: इस बार भाजपा ने 543 में से 240 सीटें जीतकर केंद्र में गठबंधन की सरकार बनाई। हालांकि यह बहुमत से कम है, लेकिन भाजपा और उसके सहयोगी दलों के मिलकर सरकार बनाने में सफल रहे।

इन चुनावी सफलताओं ने नरेंद्र मोदी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख और प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया, और उनकी सरकार ने कई महत्वपूर्ण नीतियों और सुधारों को लागू किया।

नरेंद्र मोदी की राजनीतिक यात्रा

- 1987: नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भा..पा.) में शामिल होकर गुजरात इकाई के महासचिव के रूप में कार्य शुरू किया।

- 1990: नरेंद्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी की राम रथयात्रा और 1991 में मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा को आयोजित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

- 1995: नरेंद्र मोदी को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव चुना गया और नई दिल्ली चले गए। वहां उन्होंने हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के चुनाव अभियानों का नेतृत्व किया।

- 1996: नरेंद्र मोदी को भाजपा के महासचिव (संगठन) के रूप में पदोन्नत किया गया।

- 2001: केशुभाई पटेल के स्वास्थ्य के खराब होने और उप-चुनावों में भाजपा की हार के बाद, राष्ट्रीय नेतृत्व ने नरेंद्र मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया। नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

- 2002: दिसंबर में नरेंद्र मोदी ने मणिनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और बेहतरीन जीत दर्ज की। इसके साथ ही, वे दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने।

- 2007: भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की और नरेंद्र मोदी ने 23 दिसंबर 2007 को तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

- 2012: दिसंबर में भाजपा ने फिर से गुजरात में बहुमत से जीत हासिल की। नरेंद्र मोदी ने चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

- 2014: नरेंद्र मोदी ने 26 मई को भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। वह आजादी के बाद पैदा हुए पहले प्रधानमंत्री बने।

- 2019: नरेंद्र मोदी ने 30 मई को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। 31 मई को मंत्रिमंडल का गठन हुआ, जिसमें पीएमओ के इतर अन्य प्रमुख मंत्रालयों का कार्यभार भी उन्होंने स्वयं संभाला। नरेंद्र मोदी ने 23 मई को कांग्रेस के नेता अजय राय को हराकर लगातार दूसरी बार वाराणसी से सांसद चुने गए।

RSS में हुए शामिल

- 1972: नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल होने का निर्णय लिया।

- 1975: आरएसएस ने उन्हें 'गुजरात लोक संघ समिति' का महासचिव बनाया, जिससे उनके संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व क्षमता की शुरुआत हुई।

- 1978: आरएसएस ने नरेंद्र मोदी को सूरत और वडोदरा में विभाग का प्रचारक नियुक्त किया। इस भूमिका में उन्होंने स्थानीय स्तर पर संघ की गतिविधियों को फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

- 1979: नरेंद्र मोदी को आरएसएस के संभाग प्रचारक बनाया गया। इस भूमिका में उन्होंने दिल्ली में आरएसएस के लिए काम किया और संघ की विचारधारा और गतिविधियों को प्रमोट किया।

इन वर्षों में नरेंद्र मोदी ने संघ के विभिन्न पदों पर काम करके अपनी संगठनात्मक और नेतृत्व क्षमताओं को साबित किया, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी (भा..पा.) और उनकी राजनीतिक यात्रा में महत्वपूर्ण साबित हुए।

अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची (PM Modi)

नरेंद्र मोदी को उनके वैश्विक प्रभाव और उनकी राजनीति के लिए कई देशों से सम्मानित किया गया है। यहां उनके प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची है:

- भूटान: ऑर्डर ऑफ ड्रुक ग्यालपो (2024) और (2021)

- पलाऊ: एबाकल पुरस्कार (2023)

- फिजी: 'कंपेनियन ऑफ ऑर्डर ऑफ फिजी' (2023)

- पापुआ न्यू गिनी: 'ग्रैंड कंपेनियन ऑफ ऑर्डर ऑफ लोगोहू' (2023)

- मिस्र: 'ऑर्डर ऑफ नाइल' (2023)

- फ्रांस: 'लीजन ऑफ ऑनर' (2023)

- ग्रीस: 'ऑर्डर ऑफ ऑनर' (2023)

- संयुक्त राज्य अमेरिका: 'लीजन ऑफ मेरिट पुरस्कार' (2020)

- रूस: 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू' (2019)

- मालदीव: 'ऑर्डर ऑफ डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन' (2019)

- बहरीन: ' किंग हमद ऑर्डर ऑफ रेनेसां' (2019)

- संयुक्त अरब अमीरात: 'ऑर्डर ऑफ जायद' (2019)

- सियोल: शांति पुरस्कार (2018)

- फिलिस्तीन: 'ग्रैंड कॉलर ऑफ स्टेट ऑफ फिलिस्तीन' (2018)

- सऊदी अरब: 'ऑर्डर ऑफ अब्दुलअजीज अल सऊद' (2016)

- अफगानिस्तान: 'स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान' (2016)

अन्य कई अवार्ड्स भी मिले

- फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल पुरस्कार (2019)

- बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से ग्लोबल गोलकीपर पुरस्कार (2019)

- संयुक्त राष्ट्र चैंपियंस ऑफ अर्थ पुरस्कार (2018)

- ग्लोबल एनर्जी एंड एनवायरनमेंट लीडरशिप पुरस्कार (2021)

पीएम मोदी की उपलब्धियां

- टाइम मैगजीन ने साल 2014, 2015, और 2017 में उन्हें विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया।

- टाइम मैगजीन के 2014 और 2016 के रीडर्स पोल में उन्हेंपर्सन ऑफ ईयरका खिताब दिया गया।

- फोर्ब्स मैगजीन ने 2014 में उन्हें विश्व का 15वां सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना।

- फोर्ब्स ने 2015, 2016, और 2018 में उन्हें विश्व का 9वां सबसे शक्तिशाली शख्स दर्जा दिया।

- फॉर्च्यून मैगजीन की 2015 की दुनिया के सबसे महान नेताओं की सूची में उन्होंने पांचवे स्थान पर रहे।

पीएम मोदी की विदेश नीति

- मुखर और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण: मोदी सरकार की विदेश नीति अधिक मुखर और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को अपनाने के साथ उभरी है। यह नीति भारत के राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देती है और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एक मजबूत और आत्म-निर्भर रवैया अपनाती है।

- नेबरहुड फर्स्ट और एक्ट ईस्ट पॉलिसी: मोदी ने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए "नेबरहुड फर्स्ट" और "एक्ट ईस्ट" पॉलिसी को बढ़ावा दिया। इस दृष्टिकोण से भारत ने अपने पड़ोसी देशों और एशिया-प्रशांत के देशों के साथ सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाया है।

- तटस्थ विदेश नीति: मोदी ने वैश्विक मंचों पर भारत के राष्ट्रहित की रक्षा के लिए तटस्थ विदेश नीति को अपनाया। इसके तहत, भारत ने रूस के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखा और ऊर्जा सुरक्षा के लिए तेल आयात से पीछे नहीं हटा, भले ही पश्चिमी देशों ने इसके खिलाफ आलोचना की।

 

- आतंकवाद और सीमा विवाद: मोदी की सरकार ने वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त और स्पष्ट रुख अपनाया। सीमा विवाद पर चीन के साथ कड़े मोर्चे पर खड़े रहने की नीति अपनाई, जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय हितों को सुरक्षा देने के लिए महत्वपूर्ण रही है।

- अंतरराष्ट्रीय मान्यता: मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति को वैश्विक मंचों पर मान्यता प्राप्त हुई है। भारत ने अपनी स्थिति को विश्व स्तर पर मजबूत किया और कुशल नेतृत्व के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा प्राप्त की।

मोदी को मिले उपनाम

- " बॉस": ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने मोदी को " बॉस" (The Boss) कहा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मोदी को वैश्विक स्तर पर एक प्रभावशाली और सक्षम नेता के रूप में देखा जाता है।

- "सबसे प्रिय": इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने मोदी को दुनिया का "सबसे प्रिय" (Most Beloved) नेता बताया, जो उनकी लोकप्रियता और व्यक्तिगत आकर्षण को इंगित करता है।

- "दुनिया के लिए प्रेरणा": डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने मोदी को "दुनिया के लिए प्रेरणा" (Inspiration for the World) कहा, जो उनके नेतृत्व और दृष्टिकोण की प्रेरणादायक गुणवत्ता को मान्यता देता है।

ये उपनाम और प्रशंसा मोदी की वैश्विक राजनीति में स्थिति और उनके प्रभावशाली नेतृत्व की पुष्टि करते हैं।

पीएम से जुड़ी अन्य खास बातें

- अध्यात्म और योग: मोदी की युवावस्था से ही अध्यात्म में गहरी रुचि रही है। उन्होंने कम उम्र में हिमालय की यात्रा की थी, जहां उन्होंने ध्यान और साधना में समय बिताया। वे नियमित रूप से योग करते हैं, ध्यान करते हैं, और उपवास भी रखते हैं। उन्होंने 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की शुरुआत की और 'फिट इंडिया कैंपेन' भी चलाया।

- व्यक्तिगत संबंध: मोदी ने वैश्विक नेताओं के साथ मजबूत व्यक्तिगत संबंध बनाए हैं। वे राष्ट्राध्यक्षों से गर्मजोशी से मिलते हैं और अपनी खास शैली से लोगों के दिलों में जगह बनाते हैं।

- सोशल मीडिया का प्रभावशाली उपयोग: मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं, खासकर सोशल मीडिया पर। वे अपने राजनीतिक अभियानों और संदेशों को फैलाने के लिए सोशल मीडिया का बेहतरीन उपयोग करते हैं।

- फोटोग्राफी का शौक: प्रधानमंत्री मोदी को फोटोग्राफी का भी शौक है। जब भी वे कहीं यात्रा पर जाते हैं, तो अपने अनुभवों को कैमरे में कैद करना नहीं भूलते।

- टेक्नोलॉजी के प्रति रुचि: मोदी को देश में सबसे अधिक टेक-सेवी नेता माना जाता है। उन्होंने औपचारिक शिक्षा के बिना ही अंग्रेजी और कंप्यूटर का ज्ञान हासिल किया और डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग किया।

- फैशन स्टाइल: मोदी का कपड़ों का अंदाज और उनका स्टाइल हमेशा चर्चा में रहता है। उनका मशहूरमोदी कुर्तादुनियाभर में पहचान बना चुका है और उनके व्यक्तिगत ब्रांड का हिस्सा बन गया है।

पीएम मोदी का 2047- विजन

2047 में भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होंगे। उस समय भारत का स्वरूप कैसा होगा, इसकी योजना नरेंद्र मोदी ने पहले से ही बना ली है। मोदी ने कई बार जनता के सामने 2047 तक एक समृद्ध और विकसित भारत का महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। उनका लक्ष्य है कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया जाए।

 

 

 

 

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