PoK पर सख्त रुख! जयशंकर ने लंदन में बताया मोदी सरकार का प्लान, जानिए PoK पर क्या है मोदी फॉर्मूला?

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लंदन में पाकिस्तानी पत्रकार ने कश्मीर पर जयशंकर को घेरने की कोशिश की, लेकिन उनके जवाब ने पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी। जयशंकर ने साफ कहा, PoK पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया।

POK: पाकिस्तान ने कश्मीर के एक बड़े हिस्से पर धोखे से कब्जा कर लिया था, जिसे आज दुनिया पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के नाम से जानती है। यह वही क्षेत्र है जहां के लोग अपने ही हक के लिए सड़कों पर भटकने को मजबूर हैं। पाकिस्तान सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण PoK के लोग भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। वे उस दिन को कोस रहे हैं जब उनके सपनों पर पाकिस्तान ने जबरन कब्जा कर लिया था। इसके बावजूद पाकिस्तान बार-बार कश्मीर का राग अलापता रहता है।

जयशंकर के जवाब से पाकिस्तान की बोलती बंद

ब्रिटेन दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर लंदन के चैथम हाउस थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे, जहां एक पाकिस्तानी पत्रकार ने कश्मीर को लेकर सवाल किया। पत्रकार ने जयशंकर को नर्वस करने की कोशिश की, लेकिन जयशंकर के जवाब ने पूरे पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि PoK पर पाकिस्तान ने चोरी से कब्जा किया है। उनका यह बयान अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

70 साल से भारत को परेशान करता रहा पाकिस्तान

बीते 70 वर्षों से पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरने की नाकाम कोशिश करता रहा है। अमेरिका के करीबी होने का फायदा उठाते हुए उसने कई बार भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की, जिससे दोनों देशों के संबंध लंबे समय तक तनावपूर्ण रहे। हालांकि, 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया।

मोदी सरकार के 3 बड़े कदम: PoK के समाधान की ओर बढ़ता भारत

मोदी सरकार ने कश्मीर को लेकर तीन बड़े कदम उठाए—

1. अनुच्छेद 370 हटाया, जिससे जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा समाप्त हो गया।
2. कश्मीर में विकास की बहाली कर वहां के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा।
3. विधानसभा चुनाव कराकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत किया।
4. अब बस अंतिम कदम बचा है— PoK को दोबारा भारत में मिलाने का।

क्या ट्रंप की वापसी से पाकिस्तान को मिलेगा सहारा? जयशंकर ने दिया जवाब

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मची हुई है। पाकिस्तान को लगता है कि ट्रंप के आने से वह फिर से कश्मीर का राग अलापकर भारत को घेर सकता है। हालांकि, जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया कि ट्रंप के आने से भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने दोहराया कि मोदी सरकार PoK को लेकर अपनी नीति पर अडिग है। इससे पहले भी जयशंकर कह चुके हैं कि "सीरीज के पार्ट टू का इंतजार कीजिए", जो यह संकेत देता है कि भारत PoK को वापस लेने की दिशा में पूरी तरह गंभीर है।

PoK पर भारत का संकल्प: अधूरा काम जो हर हाल में पूरा होगा

गृह मंत्री अमित शाह कई बार कह चुके हैं कि PoK भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसे भारत में मिलाना ही होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी साफ कर चुके हैं कि PoK खुद-ब-खुद भारत में मिलने को मजबूर होगा। मोदी सरकार के मंत्री जहां भी जाते हैं, वहां वे PoK को लेकर भारत के रुख को साफ करते हैं। उनके लिए यह अधूरा काम है, जिसे हर हाल में पूरा किया जाना है।

बीजेपी ने निभाया वादा, अब PoK को लेकर भारत की बड़ी चुनौती

बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 हटाने का वादा किया था, जिसे उसने पूरा भी किया। अब अगला सवाल PoK को भारत में मिलाने का है। इस पर देश में ही मोदी सरकार को चुनौती दी जाती रही है। फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने पहले 370 हटाने का विरोध किया, फिर चुनाव लड़ने से मना किया, लेकिन आखिरकार उन्हें अपने रुख से पीछे हटना पड़ा। अब असली सवाल यही है कि PoK को भारत में वापस कैसे लाया जाए।

कैसे होगा PoK भारत का हिस्सा? भारत की रणनीति

PoK को हासिल करने के लिए भारत को कूटनीतिक, सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर ठोस रणनीति बनानी होगी। पाकिस्तान इस समय आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो चुका है, उसके पास हथियारों की भारी कमी है। चीन को छोड़कर कोई भी देश उसका समर्थन नहीं कर रहा। दुनिया में पाकिस्तान की छवि एक आतंक-समर्थक राष्ट्र के रूप में बन चुकी है।

इसके अलावा, PoK में विद्रोह तेज हो गया है। वहां के लोग पाकिस्तान के खिलाफ सड़कों पर उतर चुके हैं, जिससे भारत के पक्ष में माहौल बन रहा है।

PoK में 18 दिनों से जारी है प्रदर्शन

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आए दिन पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं। हाल ही में चिलास डायमर बाशा डैम को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए थे। यह डैम पाकिस्तान की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है, लेकिन वहां के लोग इसके खिलाफ पिछले 18 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।

गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग भी पाकिस्तान से नाराज

PoK की तरह ही गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग भी पाकिस्तान से नाराज हैं। वहां की जमीनों पर जबरन कब्जा कर लिया गया है, और पाकिस्तान सरकार के अत्याचार के कारण लोग तंग आ चुके हैं।

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत उठा रहा है PoK का मुद्दा

मोदी सरकार लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर PoK के हालात को उजागर कर रही है। भारत सिर्फ आतंकी अड्डों की ही नहीं, बल्कि वहां के लोगों पर हो रहे अत्याचारों की भी बात उठा रहा है। PoK के लोग अब खुद भारत में शामिल होने की मांग कर रहे हैं।

PoK की वापसी तय

भारत की रणनीति और PoK में बढ़ते असंतोष को देखकर यह साफ हो रहा है कि PoK की वापसी अब महज समय की बात है। भारत ने पहले ही सैन्य, कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से इस मुद्दे पर मजबूत पकड़ बना ली है। अब अगला कदम यही होगा कि PoK को भारत में मिलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाया जाए और वहां के लोगों का समर्थन हासिल किया जाए।

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