पंजाब में बीती रात मौसम ने अचानक से करवट ले ली और रात को हुई बारिश ने किसानों की परेशानी की भी बढ़ा दी। किसानों के खेतों में पक कर खड़ी गेहूं की फसल पर वर्षा की बूंदें आफत बनकर बरस रही हैं। मौसम में बदलाव को देखते हुए कृषि विशेषज्ञों ने किसानों के लिए अलर्ट जारी किया है कि 19 अप्रैल तक गेहूं की फसल को न काटे।
लुधियान: पंजाब में सोमवार (१५ अप्रेल) देर रात अचानक से मौसम बदल के कारण जालंधर और अमृतसर सहित कई जिलों में तेज हवा के साथ बरसात हुई। रात दस-साढ़े दस बजे के करीब अचानक से हुई बरसात ने सोये हुए किसानों की नींद उड़ा दी। खेतों में पकी हुई गेहूं की फसल पर वर्षा की बूंदें इस तरह गिरी मानो किसानों के दिलों पर कोई बड़ा सा पत्थर गिर गया हो। बरसात के कारण गेहूं को भारी नुकसान होने की आशंका है। कल रात अमृतसर में 3.2, नवांशहर में 1.5, रूपनगर में 1.2 और चंडीगढ़ में 0.5 मिलीमीटर वर्षा हुई थी।
विभाग ने 19 अप्रेल तक तक फसल न काटने की दी सलाह
Subkuz.com के अनुसार मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए किसानों को सलाह दी है कि 19 अप्रेल तक खेतों में खड़ी फसल को न काटें और यदि फसल काट ली है तो उसे सुरक्षित स्थान पर भडारण करें। मौसम विभाग ने अगले दो दिन मौसम साफ रहने की संभावना जताई है, तथा उसके बाद फिर 18 अप्रेल और 19 अप्रैल को तेज हवाऔर आंधी के साथ बरसात हो सकती हैं।
देश में इस साल सामान्य से ज्यादा बरसात
मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि मौसम की बन रही परिस्थतियों के कारण इस साल मानसून के पूरे देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। देश के किसानों और नीति निर्धारकों के लिए यह खबर बहुत ज्यादा राहत भरी है। मौसम विभाग (आइएमडी- India Meteorological Department) के प्रमुख मृत्युंजय कुमार महापात्र ने बताया कि पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के तहत एक जून से 30 सितंबर तक लगभग106 प्रतिशत वर्षा होने का पूर्वानुमान हैं।
देश के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश के आसार
जानकारी के अनुसार मौसस विभाग देश में अल नीनो, ला नीना, हिंद महासागर, द्विध्रुवीय स्थितियों और उत्तरी गोलार्ध में बर्फीले आवरण संबंधी सारी स्थिति के प्रभाव पर पहले से ही विचार करता है और उसके बाद ही रिपोर्ट जार करता हैं. इस बार यह सभी स्थितियां भारत में अच्छे मानसून के अनुकूल दिख रही हैं। उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकतर भू-भाग में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की बहुत ज्यादा संभावना हैं।