भारतीय राजनीति में एक और विवाद ने तूल पकड़ लिया है, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के बीच घमासान हो गया। संसद परिसर में हुए इस विवाद में भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। भाजपा नेताओं ने इस घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाए हैं, जबकि कांग्रेस ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया हैं।
घटना का विवरण धक्का-मुक्की का शिकार बने सांसद
संसद के भीतर भाजपा और कांग्रेस सांसदों के बीच शारीरिक झड़प हो गई, जब राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अन्य सांसदों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए संसद परिसर में प्रवेश की कोशिश की। प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सांसदों ने बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा से मकर द्वार तक विरोध मार्च निकाला था, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनकी टिप्पणी पर माफी मांगने और इस्तीफे की मांग की गई थी।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा सांसदों ने कांग्रेस सांसदों को सदन में जाने से रोकने के लिए डंडे और प्लेकार्ड का सहारा लिया, जिसके बाद धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इस दौरान राहुल गांधी के पास खड़े मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य महिला सांसदों को भी धक्का दिया गया। प्रियंका गांधी ने इस घटनाक्रम को साजिश बताते हुए आरोप लगाया कि राहुल गांधी को जानबूझकर रोका गया।
प्रियंका गांधी का बयान ‘यह साजिश है’
प्रियंका गांधी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "राहुल गांधी शांतिपूर्वक डॉ. अंबेडकर की तस्वीर लेकर और जय भीम का नारा लगाते हुए संसद में प्रवेश कर रहे थे, लेकिन उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया। भाजपा सांसदों ने उन्हें धक्का दिया और यह सब एक साजिश का हिस्सा था।" प्रियंका ने कहा कि उन्होंने खुद देखा कि भाजपा सांसदों ने मल्लिकार्जुन खड़गे को धक्का मारा और वे गिर पड़े, जिससे यह पूरी घटना गंभीर रूप ले गई।
प्रियंका गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के नेताओं ने यह सब केवल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कुर्सी बचाने के लिए किया। "यह पूरी घटना भाजपा की गुंडागर्दी का हिस्सा थी," प्रियंका ने कहा।
घायलों का हाल अस्पताल में भर्ती हुए भाजपा सांसद
इस घटनाक्रम के बाद भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को चोटें आईं। दोनों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मुकेश राजपूत की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें ICU में रखा गया है। भाजपा नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और दोनों घायलों का हाल-चाल लिया। भाजपा के कई दिग्गज नेता जैसे पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी और शिवराज सिंह चौहान अस्पताल पहुंचकर घायल सांसदों का हाल-चाल जानने के लिए पहुंचे।
शिवराज चौहान का बयान यह संसदीय इतिहास का काला दिन है
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अस्पताल से बाहर आकर मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह संसदीय इतिहास का काला दिन है। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की गुंडागर्दी ने लोकतंत्र को कलंकित किया है। इससे पहले ऐसा कुछ नहीं हुआ था।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस व्यवहार को पूरी तरह से निंदा की जानी चाहिए।
किरन रिजिजू का बयान राहुल गांधी पर सख्त कार्रवाई की मांग
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "राहुल गांधी और उनके सांसदों ने संसद के भीतर शारीरिक ताकत का इस्तेमाल किया। राहुल गांधी ने भाजपा सांसदों को बुरी तरह घायल किया और यह फिजिकल असॉल्ट था। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और देखेंगे कि इसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है।"
मल्लिकार्जुन खड़गे का लोकसभा अध्यक्ष से जांच की मांग
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस घटना के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से पत्र लिखकर जांच की मांग की है। उन्होंने लिखा, "मकर द्वार पर भाजपा सांसदों ने मुझे धक्का दिया और इसके कारण मेरी चोटें आईं। मैं लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध करता हूँ कि इस घटना की जांच की जाए।"
फिर क्या होगा आगे?
अब सवाल यह है कि इस विवाद का आगे क्या हल निकलेगा? कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं, और इस घटना को लेकर संसद में घमासान मचा हुआ है। इसके बाद कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच आने वाले दिनों में और भी बयानबाजी हो सकती हैं।
इस पूरी घटना ने संसद के भीतर की राजनीति को एक नई दिशा दी है और अब यह देखना होगा कि इस विवाद के परिणाम क्या होंगे और आगे चलकर कौन किसे जवाबदेह ठहराएगा।