बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) की अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के परभणी दौरे पर प्रतिक्रिया दी है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा है। मायावती ने दोनों प्रमुख दलों को एक ही सिक्के के दो पहलू करार दिया हैं।
परभणी: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राहुल गांधी के महाराष्ट्र के परभणी दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए एक तीखा बयान दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि परभणी जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं भारतीय संविधान के मूल निर्माता, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अनादर और उनके अनुयायियों के प्रति हीन भावना का दुखद परिणाम हैं। मायावती ने यह आरोप लगाया कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों ही दलों का उद्देश्य कभी भी बाबा साहेब के सिद्धांतों का पालन नहीं था, और इन दलों की नीयत और नीति में खोट हैं।
बसपा चीफ मायावती का तीखा प्रहार
मायावती ने परभणी घटना को लेकर राहुल गांधी के दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह दौरा केवल घड़ियाली आँसू बहाने जैसा है, क्योंकि कांग्रेस का रवैया हमेशा से ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके अनुयायियों के प्रति जातिवादी और तिरस्कारी रहा है। मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को दलितों और पिछड़ों की याद सिर्फ तभी आती है जब उनका समय बुरा होता है, लेकिन जब यह पार्टी सत्ता में होती है, तो वह इन वर्गों के कल्याण और उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति उदासीन रहती है।
क्या है परभणी का मामला?
बसपा प्रमुख मायावती ने परभणी में हुई हिंसा और केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा बाबा साहेब के खिलाफ की गई टिप्पणी के संदर्भ में अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री से संसद में की गई बाबा साहेब विरोधी टिप्पणी को वापस लेने की मांग की और बीएसपी द्वारा कल देशभर में जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने की अपील की है। मायावती ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों को बाबा साहेब के नाम पर राजनीति करने वालों से सावधान रहना चाहिए, जो केवल वोट के लिए अम्बेडकरवादी होने का दिखावा करते हैं।
मायावती ने यह भी कहा कि बीएसपी का मिशन बहुजन समाज को वोट के माध्यम से शासक वर्ग बनाना है, जबकि दूसरी पार्टियां केवल दलित और पिछड़े वर्गों के वोटों के लिए उनके नाम पर छलावा करती हैं। उन्होंने यह आरोप लगाया कि इन पार्टियों का रवैया दलित और बहुजन के हितों के खिलाफ है और उनका असली मकसद केवल सत्ता हासिल करना है, न कि समाज के इन वर्गों के कल्याण के लिए कुछ करना।
इसके अलावा, परभणी में हुई हिंसा के बारे में बताते हुए मायावती ने कहा कि मराठवाड़ा क्षेत्र के परभणी शहर में स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के पास संविधान की प्रतिकृति को 10 दिसंबर को क्षतिग्रस्त किया गया था, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।