Sambhal News: संभल में रानी की बावड़ी की खुदाई के दौरान मिला एक और प्राचीन गलियारा, मुख्य गेट और सीढ़ियां भी आई नजर, अबतक मिले 5 गलियारे

Sambhal News: संभल में रानी की बावड़ी की खुदाई के दौरान मिला एक और प्राचीन गलियारा, मुख्य गेट और सीढ़ियां भी आई नजर, अबतक मिले 5 गलियारे
Last Updated: 1 दिन पहले

चंदौसी के लक्ष्मणगंज में स्थित यह बावड़ी एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में उभर रही है। खुदाई के दौरान जो नए अवशेष मिले हैं, उनमें सीढ़ियां, गलियारा और एक मुख्य गेट शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश: संभल के चंदौसी क्षेत्र में स्थित रानी की बावड़ी एक अद्भुत ऐतिहासिक धरोहर के रूप में उभर रही है। हाल ही में हुई खुदाई में इस बावड़ी के भीतर कई नए रहस्य उजागर हुए हैं। प्रशासन की टीम ने अब तक सात फीट गहराई तक खुदाई की है, जिसमें पांच गलियारे, सीढ़ियां और एक मुख्य गेट जैसे संरचनात्मक अवशेष सामने आए हैं।

यह मुख्य गेट बावड़ी का प्रवेश द्वार है, जिससे बावड़ी के अंदर जाया जा सकता है। इसके अलावा, गलियारों और सीढ़ियों की संरचना यह संकेत देती है कि यह बावड़ी न केवल जल संरक्षण के लिए उपयोग होती थी, बल्कि यह एक विशाल और जटिल वास्तुकला का हिस्सा रही होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बावड़ी दो मंजिल गहरी हो सकती है। नगर निगम की टीम अब और गहराई से खोदने की योजना बना रही है ताकि इसके अन्य रहस्यों का पता लगाया जा सके। 

खुदाई के दौरान मिला एक और प्राचीन गलियारा

संभल जिले में हो रही खुदाई ने ऐतिहासिक धरोहरों के कई अनमोल पहलुओं को उजागर किया है। चंदौसी की रानी की बावड़ी में अब तक पांच गलियारे और आठ सीढ़ियां मिली हैं, जो इस संरचना की भव्यता और जटिल वास्तुशिल्प को दर्शाती हैं। खुदाई बेहद सावधानीपूर्वक की जा रही है, जिसमें मज़दूरों को लगाया गया है ताकि प्राचीन बावड़ी को कोई क्षति न पहुंचे।

विशेषज्ञों का मानना है कि बावड़ी के भीतर एक कुआं भी मौजूद हो सकता है, जिसे आज शाम तक नौ फीट गहराई तक खोजा जाएगा। नगरपालिका इंस्पेक्टर प्रियंका सिंह ने स्पष्ट किया है कि जब तक बावड़ी के स्ट्रक्चर और नई जानकारियां सामने आती रहेंगी, तब तक खुदाई का कार्य जारी रहेगा।

इसी बीच, संभल के लाडो सराय क्षेत्र में एक और सौ साल पुराना कुआं मिला है। यह कुआं पहले मिट्टी और कूड़े से बंद कर दिया गया था। प्रशासन पुराने नक्शों के आधार पर यहाँ खुदाई कर रहा है, जिसमें 19 कुओं के अस्तित्व का ज़िक्र है। अब तक इनमें से एक और कुआं खोजा गया है, जिससे इलाके की ऐतिहासिक और जल प्रबंधन प्रणाली को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिल रही हैं।

Leave a comment