बिहार: शिक्षकों को मिली बड़ी जीत, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका, नीतीश सरकार को लगा झटका
बिहार में नीतीश सरकार को जोरदार झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट में 75 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों की उपस्थिति पाए जाने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के वेतन से 50 प्रतिशत तक कटौती करने के मामले में शिक्षकों की जीत हुई है. परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष आनंद कुमार ने subkuz.com के पत्रकार को बताया कि वेतन कटौती मामले में पटना हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल परमिशन पीटिशन) दायर किया था. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया हैं।
शिक्षकों की सैलरी काटने का था मामला
बिहार में नीतीश सरकार के मनमाने निरीक्षण से संबंधित मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया है. बताया है कि वर्ष 2016 में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने संयुक्त रूप से आदेश जारी कर स्कूलों की जांच में जीविका दीदियों (जांच अधिकारी) को लगा दिया था और जांच के दौरान विद्यालय में 75 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों की उपस्थिति पाए जाने पर प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के वेतन से 50 प्रतिशत तक कटौती करने का आदेश दिया था. इस मामले पर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष आनंद कुमार ने उच्च न्यायालय पटना के समक्ष चुनौती दी थी।
सक्षमता परीक्षा के दौरान मूल्यांकन कार्य से मुक्त होंगे शिक्षक
जानकारी के अनुसार नियोजित (संविदा) शिक्षक और शिक्षिकाओं को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने के लिए 26 फरवरी से 6 मार्च तक सक्षमता परीक्षा आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक दिन अलग-अलग शिक्षक अपनी सक्षमता की परीक्षा देंगे। नियोजित शिक्षकों के सक्षमता परीक्षा में शामिल होने के कारण बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने उन्हें तीन दिन मूल्यांकन कार्य (कॉपी चेक) से मुक्त करने का आदेश जारी किया हैं।
जानकारी के अनुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षा बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार बताया कि इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा (12th Board Exam) का मूल्यांकन कार्य 24 फरवरी से शुरू हो गया है, जो आगामी 04 मार्च तक चलेगा और मैट्रिक परीक्षा (10 th Board Exam) का मूल्यांकन कार्य 01 मार्च से शुरू होगा। इसी दौरान सक्षमता परीक्षा भी आयोजित हो रही है. इस परीक्षा के चलते मूल्यांकन कार्य में शामिल शिक्षकों को तीन दिन (परीक्षा के एक दिन पहले से लेकर एक दिन बाद तक) मूल्यांकन कार्य से मुक्त किया जा रहा हैं।