स्वर्ण मंदिर में बुधवार को हुए हमले के बाद शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। हमलावर नारायण सिंह चौड़ा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, और अब उसकी पूछताछ की जा रही है। इस घटना के बाद सुखबीर सिंह बादल ने आज (5 दिसंबर) आनंदपुर साहिब में स्थित तख्त श्री केसगढ़ साहिब में सेवा करने का निर्णय लिया। इस मौके पर गुरुद्वारे में सुरक्षा व्यवस्था और भी सख्त कर दी गई हैं।
गुरुद्वारे पहुंचे सुखबीर सिंह बादल का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह व्हीलचेयर पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं, गले में तख्ती लटकाए हुए हैं, और उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मी खड़े हुए हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच उन्होंने श्री केसगढ़ साहिब में सेवा की। इसके साथ ही, पंजाब पुलिस इस मामले में गहरी जांच कर रही है और पुलिस अधिकारी आरोपी नारायण सिंह चौड़ा से पूछताछ में जुटे हुए हैं।
AAP सरकार पर बढ़ा दबाव
सुखबीर सिंह बादल पर हुए इस हमले के बाद पंजाब की भगवंत मान सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे पंजाब सरकार की विफलता बताया। चन्नी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं सत्ता की अपरिपक्वता और प्रशासनिक कमजोरी को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि यह साफ हो गया है कि राज्य सरकार पंजाब में सही तरीके से प्रशासन नहीं चला पा रही है।
चरणजीत सिंह चन्नी ने आगे कहा कि पंजाब में लगातार हो रही आपराधिक घटनाएं और जबरन वसूली की घटनाएं सरकार के कार्यों को सवालों के घेरे में डाल रही हैं। उनका आरोप था कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से बिगड़ी हुई है। चन्नी ने कहा, "यह घटना इस बात का भी संकेत है कि राज्य में लोगों का गुस्सा और नाराजगी अब सतह पर आ रही है।"
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल
इस हमले के बाद से सुखबीर सिंह बादल की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष ने राज्य सरकार से यह सवाल पूछा है कि आखिरकार ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर पहले से तैयार सुरक्षा व्यवस्थाएं क्यों नहीं थीं। राज्य में इस तरह की घटनाओं के बाद सुरक्षा बढ़ाए जाने की मांग और तेज हो गई हैं।
सुखबीर सिंह बादल पर हमले के कारण पंजाब की सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। जहां एक ओर सरकार इस हमले की कड़ी निंदा कर रही है, वहीं विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार के प्रशासनिक कार्यों की आलोचना कर रहा है। पंजाब में इस घटना के बाद कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया हैं।
हालांकि, सुखबीर सिंह बादल ने इस हमले के बाद कहा कि वह डरने वाले नहीं हैं और उन्होंने राज्य की जनता के बीच शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह से अपने प्रयास जारी रखने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि वे इस कठिन दौर से बाहर निकलकर पंजाब की जनता की सेवा करते रहेंगे।
इस घटना ने यह भी साबित कर दिया है कि राज्य में सुरक्षा की स्थिति को लेकर फिर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।