आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसादम में मिलावट के मामले को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस विवाद के चलते सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था, लेकिन अब SIT ने मिलावट की जांच को कुछ दिनों के लिए रोकने का निर्णय लिया हैं।
तिरुपति: आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने जानकारी दी है कि तिरुपति के लड्डू में मिलावट के मामले की एसआईटी जांच अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई है। ऐसा इस कारण से किया गया है क्योंकि यह मामला उच्चतम न्यायालय के विचाराधीन है। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में लड्डू प्रसाद में मिलावट के आरोप लगाए थे, जिसके बाद इस मामले की गंभीरता को देखते हुए नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। इस निर्णय ने मामले की प्रगति पर एक अस्थायी ब्रेक लगा दिया है, जबकि न्यायालय के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा हैं।
SIT ने तीन अक्टूबर तक स्थगित की जांच
आंध्र प्रदेश के डीजीपी द्वारका तिरुमाला राव के निर्देश पर, तिरुपति लड्डू प्रसादम में मिलावट के मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी जांच को अस्थायी रूप से 3 अक्टूबर तक के लिए निलंबित कर दिया है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के कारण लिया गया है। इस बीच, मामले से संबंधित सभी गतिविधियाँ इस अवधि के दौरान रोकी जाएँगी, जबकि न्यायालय के निर्देशों का इंतज़ार किया जाएगा।
आंध्र प्रदेश के डीजीपी द्वारका तिरुमला राव ने कहा है कि तिरुपति लड्डू प्रसादम में मिलावट के मामले में SIT के गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, और इस पर कल कोर्ट में बहस भी हुई। उन्होंने बताया कि आईजी के नेतृत्व में एक टीम ने TTD के विभिन्न स्थानों, खरीद क्षेत्र और सैंपल संग्रह क्षेत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने लोगों की जांच की और बयान दर्ज किए। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर कुछ समय के लिए रुकने का आदेश दिया हैं।
सुप्रीम कोर्ट के बयान पर क्या बोले पवन कल्याण?
सुप्रीम कोर्ट ने तिरूपति लड्डू प्रसादम मामले में सुनवाई करते हुए भगवान और राजनीति को अलग रखने की बात कही थी। इस पर आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट ने यह नहीं कहा कि लड्डू में मिलावट नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने केवल उन तथ्यों पर टिप्पणी की है जो उसके पास उपलब्ध थे और यह नहीं कहा कि प्रसाद शुद्ध था। पवन कल्याण ने बताया कि तारीख को लेकर कुछ कन्फ्यूजन था, जिसे जल्दी ही दूर कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ प्रसाद का मामला नहीं है, बल्कि पिछले पांच वर्षों में किए गए उल्लंघनों पर भी ध्यान दिया जाएगा।