Train Journey: कश्मीर से कन्याकुमारी के बीच रेल यात्रा जल्द होगी शुरू, त्रिकुटा पर्वत पर मां वैष्णो देवी के चरणों से होकर गुजरेंगा ट्रेन मार्ग, जानिए..

Train Journey: कश्मीर से कन्याकुमारी के बीच रेल यात्रा जल्द होगी शुरू, त्रिकुटा पर्वत पर मां वैष्णो देवी के चरणों से होकर गुजरेंगा ट्रेन मार्ग, जानिए..
Last Updated: 18 अगस्त 2024

रियासी से संगलदान रेलवे ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। अब रियासी को कटरा से जोड़ने की तैयारियां की जा रही हैं। इस प्रक्रिया में रेलवे त्रिकुटा पहाड़ी के नीचे सुरंग का निर्माण करने में जुटा हुआ है। सुरंग के अंदर की मजबूती का काम जारी है। वर्तमान में केवल सुरंग में जल निकासी प्रणाली, प्लास्टर, बिजली और वेंटिलेशन आदि का कार्य चल रहा हैं।

उधमपुर: अब सिर्फ ढाई महीने का इंतजार... उसके बाद मां वैष्णो देवी के चरणों (त्रिकुटा पर्वत के नीचे) से होते हुए कश्मीर घाटी तक का रोमांचक सफर ट्रेन से संभव होगा। कश्मीर की ओर से रियासी तक रेललाइन के निर्माण के बाद रेलवे अब कटड़ा से रियासी के बीच के 19 किलोमीटर के रेलखंड को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस रेलखंड पर केवल एक टनल का काम रह गया है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो दिवाली तक यह कार्य भी पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही देश का कश्मीर तक रेलमार्ग जुड़ जाएगा।

3.2 किलोमीटर लंबी सुरंग का हो रहा निर्माण

कन्याकुमारी से कश्मीर घाटी तक का रोमांचक सफर ट्रेन से संभव होगा। इसके पूरा होने के साथ ही देश के किसी भी कोने से चलने वाली रेलगाड़ी ऋषि कश्यप की भूमि कश्मीर तक पहुंचने लगेगी। कटड़ा-रियासी रेलखंड में त्रिकुट पर्वत की तलहटी में स्थित 3.2 किलोमीटर लंबी सुरंग को छोड़कर अन्य सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं।

टनल का काम जल्द हो जाएगा पूरा

बता दें दिसंबर 2023 में इस टनल की खोदाई का कार्य पूरा हो चुका था और टनल के अंदर की मजबूती का काम भी संपन्न हो चुका है। अब केवल टनल में जल निकासी प्रणाली, प्लास्टर, बिजली, वेंटिलेशन, सिग्नल, निगरानी और सुरक्षा प्रणाली तथा ट्रैक बिछाने का कार्य शेष है। यदि कोई बड़ी बाधा नहीं आती है, तो इन सभी कार्यों को अगले दो महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।

बता दें 272 किलोमीटर की ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के 77 प्रतिशत हिस्से में पहले ही रेल परिचालन शुरू हो चुका है। बची हुई 111 किलोमीटर की बनिहाल-कटड़ा रेलखंड में बनिहाल से संगलदान के बीच (48 किलोमीटर) इस वर्ष फरवरी में ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया था। अब संगलदान से रियासी तक 44 किलोमीटर का ट्रैक भी पूरा हो चुका है और इस पर भी ट्रेन चलने की तैयारी हैं।

कटड़ा से जुड़ने वाले अन्य स्टेशनों की दूरी

 

१. कटड़ा से रियासी की दुरी - 19 किलोमीटर

२. रियासी से बक्कल की दुरी - 6 किलोमीटर

३. बक्कल से डुग्गा की दुरी - 11 किलोमीटर

४. डुग्गा से सावलाकोट की दुरी - 14 किलोमीटर

५. सावलाकोट से संगलदान की दुरी - 18 किलोमीटर

रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने किया ट्रेक का निरीक्षण

रेलवे सुरक्षा आयुक्त दिनेश चंद देशवाल ने पिछले शुक्रवार को इस परियोजना का निरीक्षण किया है। उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इस समय रेलवे का पूरा फोकस रियासी से कटड़ा तक के 19 किलोमीटर लंबे रेलखंड को जोड़ने पर है। इस खंड में केवल 3209 मीटर की टनल (टी-33) का काम बाकी है, जिसमें से 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। यह कार्य दिवाली तक पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद रेलगाड़ी से कश्मीर की यात्रा त्रिकुटा पर्वत पर स्थित मां वैष्णो देवी के चरणों से आशीर्वाद लेते हुए शुरू हो जाएगी। यह यात्रा एक सुखद और अद्भुत अनुभव प्रदान करेगी।

 

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